छत्तीसगढ़

आंगनबाड़ी केन्द्र के परामर्श एवं बेहतर पोषक आहार से प्रतिमा को कुपोषण से मिली आजादी

कोरबा ,नवंबर 2021/जिले के महिला एवं बाल विकास के पोषण आहार वितरण एवं पोषण पुर्नवास केन्द्र से मिली सहायता से जिले के ग्राम पंचायत गढ़-उपरोड़ा के ग्राम छठन में रहने वाली प्रतिमा के पोषण स्तर में काफी सुधार हुआ। प्रतिमा की माता का नाम संगीता बाई एवं पिता का नाम त्रिभुवन सिंह है। परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर होने के कारण इनका परिवार कृषि एवं मजूदरी कार्य कर अपना गुजर-बसर करते हैं। प्रतिमा के पिता बड़ी मुश्किल से परिवार का भरण पोषण कर पाते हैं।
माँ संगीता बाई सात माह के गर्भावस्था में ही गढ़-उपरोड़ा के उपस्वास्थ्य केन्द्र में प्रतिमा को जन्म दिया, उस समय प्रतिमा का वजन महज 1.3 किलोग्राम था। जन्म से ही वह काफी कमजोर थीं। ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य केन्द्र के डॉक्टरों द्वारा प्रतिमा को बार-बार स्तनपान कराने और विशेष देखभाल करने की सलाह दी गई। प्रतिमा जब अस्पताल से घर आई तो गांव के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं पर्यवेक्षक द्वारा गृहभेंट कर मां संगीता बाई को छह माह तक केवल स्तनपान कराने की सलाह दी गई। संगीताबाई ने छह माह तक बच्चे को स्तनपान कराया। छह माह पश्चात आंगनबाड़ी केन्द्र में प्रतिमा का अन्न-प्राशन कराया गया और नियमित रूप से गर्म पका भोजन तथा पूरक पोषण आहार प्रदान किया गया। इसके साथ-साथ सुपोषण चौपाल के माध्यम से उपरी आहार खिलाने के फायदे भी बताए गए। आंगनबाड़ी केन्द्र के माध्यम से प्रतिमा को दलिया, रेडी-टु-ईट, हलवा आदि पोषक आहार प्रदान किया गया। इसके साथ-साथ प्रतिमा के कम वजन को देखते हुए बाल संदर्भ सेवा के माध्यम से जांच तथा विटामिन ए की खुराक तथा एल्बेंडाजॉल की गोली और आयरन सीरप दिया गया।
प्रतिमा को प्रबल योजना के माध्यम से आंगनबाड़ी केन्द्र में अण्डा, चांवल, दाल, सब्जी आदि पोषक आहार खिलाया गया। पहले प्रतिमा गंभीर कुपोषित श्रेणी में आती थी लेकिन आंगनबाड़ी केन्द्रों में मिले पोषक आहार एवं नियमित देखभाल से प्रतिमा मध्यम श्रेणी में आकर सामान्य श्रेणी की ओर बढ़ रही है। प्रतिमा की मां संगीताबाई ने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों से मिली सुविधाओं एवं पोषक आहार से प्रतिमा को कुपोषण से मुक्ति मिली है आज हमारा पूरा परिवार खुशहाल है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *