छत्तीसगढ़

योजनाओं के क्रियान्वयन में कसावट लाने एवं राज्य की रैंकिंग में भी उत्तरोत्तर सुधार हेतु राज्य योजना आयोग की अभिनव पहल

रायपुर, दिसंबर 2021/ सतत् विकास के लक्ष्य को जिला स्तर पर स्थानीयकरण एवं सतत् प्रभावी मॉनिटरिंग सुनिचित करने छत्तीसगढ़ राज्य योजना आयोग द्वारा तैयार किये गये ’’डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क पर चर्चा के लिये जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं जिला योजना एवं सांख्यिकी अधिकारी के साथ आज यहां नवा रायपुर के योजना भवन में राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री अजय सिंह की अध्यक्षता में बैठक संपन्न हुई। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों ने अपने महत्वपूर्ण सुझाव एवं फीडबैक दिए।

बैठक में श्री अजय सिंह ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा सतत् विकास को सुनिश्चित करने 17 एसडीजी लक्ष्य निर्धारित किये गये है। इनके उद्देश्यों की पूर्ति हेतु देश तथा राज्य प्रतिबद्ध है। राज्य स्तर पर इन लक्ष्यों के अंतर्गत प्राप्ति एवं प्रगति के मूल्यांकन हेतु राज्य योजना आयोग द्वारा ’’एस.डी.जी. स्टेट इंडिकेटर फ्रेमवर्क’’ एवं ’’एस.डी.जी. बेसलाईन एवं प्रोग्रेस रिपोर्ट’’ तैयार किए है। जिसे मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा इस साल 12 जुलाई को जारी किया गया है। राज्य में सतत विकास लक्ष्य की प्रगति के अनुश्रवण व अनुशीलन हेतु तीन समितियों का गठन किया गया है। श्री अजय सिंह ने बताया कि राज्य स्तरीय एसडीजी संचालन समिति का गठन मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में किया गया है तथा राज्य स्तरीय एसडीजी क्रियान्वयन एवं निगरानी समिति का गठन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में किया गया है। जिला स्तरीय एसडीजी क्रियान्वयन एवं निगरानी समिति का गठन जिला कलेक्टरों की अध्यक्षता में किया गया है।

बैठक में जानकारी दी गई कि जिला स्तरीय फ्रेमवर्क के आधार पर जिला कलेक्टर व विभाग विभिन्न सतत् विकास लक्ष्यों की प्रगति का मूल्यांकन, अनुश्रवण एवं अनुशीलन कर सकेंगे। राज्य शासन के सामान्य प्रशासन विभाग के आदेशानुसार 23 जनवरी 2021 को जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में ’’जिला स्तरीय क्रियान्वयन एवं निगरानी समिति’’ गठित की गई है। उक्त समिति में संयोजक, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत एवं सह-संयोजक, जिला योजना एवं सांख्यिकी अधिकारी है। तैयार किये गये ’’डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क’’ के आधार पर जिला कलेक्टर व विभाग विभिन्न सतत् विकास लक्ष्यों की प्रगति का मूल्यांकन, अनुश्रवण एवं अनुशीलन कर सकेंगे। ’’डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क’’ में सामाजिक, आर्थिक, पर्यावरणीय एवं अन्य पहलुओं संबधी कुल 83 इंडिकेटर का समावेश किया गया है।

बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणु जी. पिल्ले ने बताया कि तैयार किये जा रहे फ्रेमवर्क में शामिल इंडिकेटर के लक्ष्य को जिले की वर्तमान स्थिति के आधार पर निर्धारित किए जाने चाहिए। राज्य योजना आयोग के सदस्य सचिव श्री अनूप कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क पर जिलों से अपेक्षित कार्यवाही के संबंध में विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया। श्री बाल परितोष दास, सोशल पॉलिसी एक्सपर्ट, यूनिसेफ द्वारा प्रत्येक इंडिकेटर की गणना हेतु अपनायी जाने वाली प्रक्रिया को मेटाडाटा को भी फ्रेमवर्क में शामिल करने की सलाह दी।

बैठक में शामिल किये गये सभी इंडिकेर्ट्स हेतु जिला स्तर पर डाटा की उपलब्धता, डाटासोर्स निर्धारण, डाटा की पिरियोडिसिटी, इंडिकेटर हेतु लक्ष्य इत्यादि पर विस्तृत चर्चा हुई तथा सभी जिलो के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों द्वारा इन इंडिकेटर को मॉनिटरिंग हेतु बहुत उपयोगी बतलाया तथा शीघ्रताशीघ्र लागू किये जाने सहमति प्रदान की गई। साथ ही इंडिकेटर फ्रेमवर्क में शामिल इंडिकेटर्स की उपयुक्तता के संबंध में उपयोगी अभिमत भी दिये। गौरतलब है कि नीति आयोग द्वारा समय-समय पर एसडीजी इंडेक्स जारी किया जाता है, जिसमें समस्त राज्यों को प्रत्येक सतत् विकास लक्ष्य के विरूद्ध रैंकिंग दी जाती है। हाल ही में जारी इंडेक्स में छत्तीसगढ़ राज्य को 19वीं रैंक प्रदाय की गई है। राज्य योजना आयोग द्वारा तैयार किये गये जिला स्तरीय इंडिकेटर फ्रेमवर्क से न सिर्फ क्षेत्रांतर्गत योजनाओं और गतिविधियों के क्रियान्वयन में कसावट आयेगी, बल्कि राज्य की रैंकिंग में भी उत्तरोत्तर सुधार होगा।

बैठक में राज्य योजना आयोग के सदस्य डॉ. के. सुब्रमणियम, श्री बाल परितोष दास, यूनिसेफ, श्री एन. बुलीवाल, संयुक्त संचालक, योजना विभाग, डॉ. नीतू गौरडिया, संयुक्त संचालक, राज्य योजना आयोग साथ ही समस्त जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं जिला योजना एवं सांख्यिकी अधिकारी उपस्थित हुए।

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