छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना की कामयाबी का साक्षी बना राजपथ

गणतंत्र दिवस पर निकली छत्तीसगढ़ की झांकी ने लाखों दर्शकों का मन मोहा

राजपथ पर दिखी छत्तीसगढ़ के गाँव और गौठान की झांकी

तालियों की गड़गड़ाहट से हजारों दर्शकों ने छत्तीसगढ़ की झांकी को सराहा

नई दिल्ली, 26 जनवरी 2022- छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना के कामयाबी की मिसाल इस बार गणतन्त्र दिवस के परेड के दौरान देखने को मिली। इस कामयाबी के साक्षी राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद एवं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सहित अन्य गणमान्य अतिथियों बने। इस बार गणतन्त्र दिवस पर नई दिल्ली के राजपथ पर निकली छत्तीसगढ़ की झांकी ने प्रदेश के गाँव और गौठान को प्रदर्शित किया। झांकी के समक्ष छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों ने ककसाड़ नृत्य का प्रदर्शन किया। राजपथ पर उपस्थित गणमान्य अतिथियों सहित लाखों दर्शकों ने छत्तीसगढ़ के झांकी की तालियों की गड़गड़ाहट के साथ सराहना की।

छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना पर आधारित आकर्षक झांकी ने राजपथ पर अपनी छंटा बिखेरी। यह झांकी ग्रामीण संसाधनों के उपयोग के पारंपरिक ज्ञान और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के समन्वय से एक साथ अनेक वैश्विक चिंताओं के समाधानों के लिए यह झांकी विकल्प प्रस्तुत करती है।
झांकी के अगले भाग में गाय के गोबर को इकट्ठा करके उन्हें विक्रय के लिए गौठानों के संग्रहण केंद्रों की ओर ले जाती ग्रामीण महिलाओं को दर्शाया गया है। ये महिलाएं पारंपरिक आदिवासी वेशभूषा में हैं। उनके चारों ओर सजे फूलों के गमले गोठानों में साग-सब्जियों और फूलों की खेती के प्रतीक हैं। नीचे की ओर गोबर से बने दीयों की सजावट है। झांकी के पिछले भाग में गौठानों को रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क के रूप में विकसित होते दिखाया गया है। वहीं मध्य भाग में दिखाया गया है कि गाय को ग्रामीण अर्थव्यवस्था के केंद्र में रखकर किस तरह पर्यावरण संरक्षण, जैविक खेती, पोषण, रोजगार और आय में बढ़ोतरी के लक्ष्यों को हासिल किया जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *