छत्तीसगढ़

गोदना कला के संरक्षण के लिए होगी कार्यशाला

जगदलपुर, 25 फरवरी, 2022/ बस्तर में आदिम जनजातियों में गोदना (टैटू) प्रथा का आदिकाल से विशेष महत्व है। कुछ जनजातियों में जब तक लड़की गोदना नहीं गुदवाती है तब तक उसकी शादी नहीं होती है। गोदना अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग प्रकार से गुदवाया जाता है किन्तु आज बस्तर में पारंपारिक रुप से गोदना गोदने की हुनर जानने वाले कलाकार कम होते जा रहे हैं। इसको दृष्टिगत रखते हुए बस्तर संभाग के सातों जिलों के इस विधा के जानकारों का बस्तर एकेडमी ऑफ डांस आर्ट एण्ड लिटरेचर (बादल) आसना, जगदलपुर में कार्यशाला आयोजित की जाएगी।
इसके लिए विधा के जानकार अपना नाम, पता, आधार नंबर, मोबाइल नंबर, जैसे सम्पूर्ण जानकारी के साथ बस्तर एकेडमी ऑफ डांस आर्ट एण्ड लिटरेचर बादल एकेडमी आसना अथवा अपने जिले के सहायक आयुक्त कार्यालय में अपना पंजीयन दो मार्च तक करा सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए बादल के प्रभारी श्री विजय सिंह सहायक प्रभारी श्रीमती पूर्णिमा सरोज एवं शिवनारायण पाण्डे के मोबाइल नंबर क्रमशः 9424285311, 9644490610, 9406110260 में संपर्क कर सकते है।

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