बीजापुर 11 मार्च 2022-अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को आइकॉनिक वीक के रूप में मनाते हुए महात्मा गांधी नरेगा योजना में लगातार बढ़ रही महिलाओं की भागीदारी एवं महिला लाभार्थियों के आजीविका सवंर्धन व उनके जीवन में आये बदलाव को रेखांकित कर 11 मार्च को राज्य स्तर से ऑनलाईन वेबीनार, विडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से कार्यक्रम आयोजित कर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्री श्री टीएस सिंहदेव ने जिले की 5 महिला हितग्राहियों को योजनांतर्गत उनके महिला सशक्तिकरण की दिशा में किये गए योगदान व सहभागिता के लिए सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न जिलों की महिला हितग्राहियों से बात कर मनरेगा के माध्यम से हुए आजीविका सवंर्धन की जानकारी प्राप्त की। जिले की महिला हितग्राहियों को प्रशस्ति पत्र जिला पंचायत अध्यक्ष माननीय श्री शंकर कुड़ियम ने प्रदान किया। कलेक्टर श्री राजेन्द्र कुमार कटारा व जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री रवि साहू ने सम्मानित महिला लाभार्थियों श्रीमती बंसती, श्रीमती पारेट सुनीता, श्रीमती महिमा कुड़ियम, श्रीमती सरोजनी पुनेम एवं श्रीमती कंताम्मा को शुभकामनाएं दी हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष श्री शंकर कुड़ियम ने महिला लाभार्थियों से उनके निजी भूमि पर हुए कार्यों की जानकारी ली जिसमें ग्राम पंचायत पेगड़ापल्ली निवासी श्रीमती पारेट सुनिता के निजी भूमि पर कुंआ निर्माण कार्य से बाड़ी में साग-सब्जी उत्पादन कर गांव अथवा बाजार में लेजाकर बेच रही है जिससे अच्छी आमदनी हो रही है। कुंआ के पानी से बाड़ी में साग-सब्जी उत्पादन जैसे बैंगन, लौकी, बरबट्टी, मिर्च, धनिया, करेला, टमाटर इत्यादि सब्जियॉ उत्पादन कर रही हैं तथा सप्ताह में 1000 रूपये तक की आमदनी हो रही है। ग्राम पंचायत धनोरा निवासी श्रीमती महिमा कुड़ियम ने जिला पंचायत अध्यक्ष श्री शंकर कुड़ियम को बताया कि कुंऐं में पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध है। कुएं के पानी का उपयोग हम अपने 4 एकड़ खेत में लगे धान की फसल की सिंचाई के लिए करते है। धान की फसल से प्रतिवर्ष हमें 50 हजार की आमदनी होती है साथ ही धान का कुछ हिस्सा खाने के लिए भी रखते हैं। किंतु टेक्टर का कर्ज फिर भी नहीं अदा कर पा रहे थे। कुएं से लगी हुई खाली जमीन पर ईट निर्माण कर अतिरिक्त आमदनी करने का निर्णय लेकर काम शुरू किया। विगत तीन वर्षों से लाल ईट, मिट्टी का आग में पकाकर बनाया गया । कारोबार कर रहे हैं ईट भटटे में पकाये गए लाल ईटों को 5 रूपये प्रति नग विक्रय किया जाता है। वर्ष 2019 में 50000 हजार नग ईट निर्माणकर पहला प्रयास किया जिससे उन्हें लगभग 50000 रूपये की आमदनी हुई। इसी तरह वर्ष 2020 में 100000 रूपये एवं वर्ष 2021 में 150000 रूपये की आमदनी हुई है। इस अवसर सम्मानित होने वाली महिला लाभार्थियों के अलावा कार्यालय में कार्य करने वाली महिला कर्मचारी बड़ी संख्या में शामिल हुए।
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