छत्तीसगढ़

मजदूर दिवस को बोरे बासी दिवस के रूप मनाने मुख्यमंत्री ने की है अपील

गौरेला पेंड्रा मरवाही, मई 2022/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अपील पर आज मजदूर दिवस के अवसर पर जिले में विधायक डॉ. के के ध्रुव सहित अनेक जनप्रतिनिधियों, गणमान्य नागरिकों और अधिकारियों-कर्मचारियों ने बोरे बासी खाए। मुख्यमंत्री ने मजदूर दिवस को बोरे बासी दिवस के रूप में मनाने के लिए प्रदेशवासियों से अपील की है। उन्होंने कहा है कि श्रम वीरों के सम्मान में बोरे बासी जरूर खाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा है कि श्रमिकों के सम्मान में आम का अचार (अथान) और गोंदली (प्याज) के साथ बोरे बसी खाएं और छत्तीसगढ़ संस्कृति एवं विरासत पर गर्व करें। बोरे बासी में कई महत्वपूर्ण गुण होते हैं। भीषण गर्मी में यह और भी लाभप्रद होता है। छत्तीसगढ़ में बोरे बासी खाने की परंपरा रही है, हम इसे और आगे बढ़ा रहे हैं, ताकि हमारी नई पीढ़ी भी हमारे खानपान और संस्कृति से परिचित हो सके।
          मुख्यमंत्री की अपील पर विधायक डॉ के के ध्रुव, राज्य युवा आयोग के सदस्य श्री उत्तम वासुदेव, जिला पंचायत के अध्यक्ष श्री अरुण सिंह चौहान, उपाध्यक्ष श्रीमती संगीता करसायल एवं सदस्य श्री शुभम पेन्द्रों, जनपद पंचायत मरवाही के अध्यक्ष श्री प्रताप सिंह मरावी एवं उपाध्यक्ष श्री अजय राय, जनपद पंचायत अध्यक्ष पेण्ड्रा श्रीमती आशा बबलू मरावी, जनपद पंचायत अध्यक्ष गौरेला श्रीमती ममता पैकरा के साथ ही श्री मनोज गुप्ता, सांसद प्रतिनिधि श्री राकेश मसीह, विधायक प्रतिनिधि श्री नारायण शर्मा, श्री बेचू अहिरेश, श्री वीरेंद्र बघेल, श्री हरीश राय, श्री नारायण श्रीवास, श्री नितिन राय एवं अधिकारियों-कर्मचारियों, ग्रामीणों और श्रमिकों ने बड़े उत्त्साह के साथ बोरे बासी का सेवन किया।
            उल्लेखनीय है कि बोरे-बासी छत्तीसगढ़ का ऐसा भोजन है जो बचे हुए चावल को पानी में भिगोकर रात भर रख कर बनाया जाता है। फिर सुबह उसमें हल्का नमक डालकर टमाटर की चटनी या अचार और कच्चे प्याज के साथ खाया जाता है। छत्तीसगढ़ के लोग प्रायः सुबह बासी का ही नाश्ता करते हैं। बोरे बासी खाने से न सिर्फ गर्मी और लू से राहत मिलती है, बल्कि बीपी कंट्रोल रहता है तथा डि-हाइड्रेशन की समस्या नहीं होती है।  

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