छत्तीसगढ़

बदलता दंतेवाड़ाःनई तस्वीर

महिला सशक्तिकरण की मिसाल – गारमेंट फैक्ट्री डैनेक्स

महिलाओं के उद्यमिता कौशल को बढ़ावा

महिलाओं के जीवन स्तर  में क्रांतिकारी बदलाव

      दन्तेवाड़ा, सितम्बर 2022। आज महिलाएं पितृसत्तात्मक दृष्टिकोण के प्रति जागरूक होकर आगे बढ़ रही हैं। हर क्षेत्र में बढ़-चढ़  कर हिस्सा ले रही है। सामाजिक रूढ़ियों की बेड़ियों को तोड़ खुले आसमान में उड़ तरक्की का सफर तय कर दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणा बन रही है। ऐसे ही दंतेवाड़ा नेक्स्ट डैनेक्स की महिलाएं, महिला सशक्तिकरण की जिले में मिसाल बन चुकी हैं। वे आत्म विश्वास के साथ काम कर दूसरों को प्रेरित कर रही है।

आपको ज्ञात होगा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के द्वारा 31 जनवरी 2021 को डैनेक्स की पहली यूनिट की शुरुआत गीदम विकासखंड अंतर्गत ग्राम हारम में की गई थी। आज फैक्टरी में कार्य कर रही दीदियों का नियमित आय से शासन के प्रति उनका आत्मविश्वास बढ़ा है। एक तरह से कहा जा सकता है कि डैनेक्स गारमेंट फैक्ट्री ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के लिए एक वरदान साबित हुआ है जहाँ एक ओर ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के उद्यमिता कौशल को बढ़ावा मिलने से उनकी आजीविका का साधन मिला है वहीं दूसरी ओर उनके जीवन में सुधार हो रहा है। जिले में हारम के बाद अब कटेकल्याण, बारसूर, कारली में डैनेक्स की अन्य यूनिट स्थापित की जा चुकी है। इसमें सर्वप्रथम महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है। अब उनके द्वारा तैयार कपड़ों को देश के विभिन्न जगहों में भेजा जा रहा है। अब तक डैनेक्स फैक्ट्री से 66 करोड़ रुपए के 11 लाख कपड़े बनाकर भेजे जा चुके हैं। और इस फैक्ट्री से 750 से भी ज्यादा लोगो को रोजगार से जोड़ा गया है। भविष्य में ऐसे ही डैनेक्स की अन्य यूनिट प्रारम्भ कर अधिक से अधिक लोगो को रोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में महिलाएं एक अहम भूमिका अदा कर सकती हैं। महिलाएं आज डैनेक्स फैक्ट्री ग्रामीण महिलाओं की आय सृजन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। महिलाएं आत्मनिर्भर बन जीवन से जुड़े सभी फैसले स्वयं ले रही है और परिवार और समाज में अपना योगदान दे रही है। कोई भी विपत्ति आए जिसका बेहतर ढंग से सामना करने तत्पर खड़ी है। डैनेक्स ने उन्हें एक अवसर प्रदान किया है जिससे ग्रामीण महिलाओं के जीवन में बदलाव झलकती है। शासन प्रशासन के इस प्रयास की सार्थकता भी सामने आ रही है पहले गाँव की महिलाओं का जीवन घर की चार दीवारों तक ही सीमित रहा है। लेकिन आज महिलाएं रोजगार से अतिरिक्त आय पाकर परिवार को गरीबी की रास्ते से बाहर लाने में मदद कर रही है। रोजगार के क्षेत्र में आगे आकर आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रही हैं। इसके साथ ही अपने कौशल आत्मविश्वास से किसी भी चुनौती को संभालने में सक्षम हो रही है। इस प्रकार महिलाओं द्वारा महिला सशक्तिकरण का यह प्रयास सराहनीय है।

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