बीजापुर, अक्टूबर 2022- जिला परियोजना लाइवलीहुड कॉलेज सोसायटी में जिले के बेरोजगार युवको को विभिन्न योजनाओं के तहत् कौशल विकास का प्रशिक्षण देकर रोजगार के लिए तैयार किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के तहत् जिले के 20 युवा बेरोजगारों को असिस्टेंट इलेक्ट्रिशियन कोर्स में प्रशिक्षण कराया गया। जिसमें कुल 13 हितग्राही प्रशिक्षित हुए हितग्राही प्रशिक्षित होने के उपरांत विभिन्न प्रतिष्ठानों में रोजगार प्राप्त कर रहे है। जिससे बेरोजगारी से मुक्ति मिली और आर्थिक रुप से स्वंय को मजबूत कर पा रहे है। सुदूर क्षेत्रों के बेरोजगार युवको को रोजगार मिलने लगा है। ईलमिडी के युवक ककेम अजित ने बताया प्रशिक्षण प्राप्त करके मैं विभिन्न प्रतिष्ठानों में बिजली फिटींग एवं इलेक्ट्रिक कार्य अच्छे से कर पा रहा हॅू। मेरे कार्य से ग्राहक भी खुश रहते है और मुझे आर्थिक आजादी भी मिली बेरोजगारी का दौर मैने देखा है किसी भी प्रकार के हुनर नही होने से रोजगार भी नहीं मिल रहा था किन्तु कौशल विकास विभाग द्वारा हमें प्रशिक्षित करके हमें रोजगार का मौका दिया है। इसी तरह बीजापुर से अंतराम जोगी, मुसाकी मनोज, भोपालपटनम के दिनेश कुंजाम, यालम मनोज, गंगालूर के मुकेश हेमला, दुगईगुडा के ताती सुरेश ने भी प्रशिक्षण प्राप्त करके अपने-अपने क्षेत्रों में इलेक्ट्रिकल कार्य सुचारु रुप से कर रहा है। यह सभी युवा पूर्व में बेरोजगार थे जिसे जिला प्रशासन द्वारा कौशल प्रशिक्षण प्रदाय कराया गया है।
मत्स्य विभाग के तकनीकी मार्गदर्शन एवं विभागीय योजनाओं से लाभान्वित होकर जिले के कृषक हो रहे है मालामाल
बीजापुर, अक्टूबर 2022- जिले में कृषि को बढ़ावा देने एवं कृषकों को विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित कर उनके आमदनी के स्त्रोत बढ़ाने हेतु विभागीय अमला जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे है। मांझीगुडा निवासी कृषक मंगलदई मांझी ने मछली पालन से ही साल भर में तीन लाख से अधिक आमदनी प्राप्त कर रही है। मांझीगुडा निवासी कृषक अपने एक हेक्टेयर तालाब पर मत्स्य विभाग के तकनीकी मार्गदर्शन में मछलीपालन का कार्य कर रही है। विभाग द्वारा शतप्रतिशत अनुदान पर जाल एवं मछली बीज प्रदाय किया गया है। साल भर में 15 क्विंटल से अधिक मछली उत्पादन होता है। जिसे 200 रुपये प्रति किलो के हिसाब से 3 लाख रुपए से अधिक लाभ अर्जित कर रही है, मछली पालन के साथ-साथ मुर्गीपालन एवं साग-सब्जी का उत्पादन कर अतिरिक्त आमदनी अर्जित कर रही है। कृषक मंगलदई बताती है कि सही सलाह एवं मार्गदर्शन से मछली पालन कर आर्थिक रुप से सृदृढ़ हुआ जा सकता जिले में विभागीय अधिकारियों द्वारा समय-समय पर उचित परामर्श दिया जाता है। जिससे मछली के उत्पादन में वृद्धि होती है। मंगलदई ने बताया कि वह विगत 5 वर्षों से नियमित रुप से मछली पालन का कार्य कर रही है। जिससे परिवार के आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ हुई है। बीजापुर जिले में मछली की मांग अधिक है। 200 प्रति किलो के दर से यहां मछली बहुत आसानी से बिक जाता है।
सहायक संचालक मत्स्य विभाग श्री बकोदिया ने बताया कि जिले के मत्स्य कृषको को सही समय पर उन्नत किस्म की मछली बीज प्रदाय करने का कार्य विभाग द्वारा किया जा रहा है। जिससे मछलीपालन को बढ़ावा मिलेगा।
स्वयंसेवकों ने बनाया बीजादूतीर पहला वर्षगाठ
बीजापुर, अक्टूबर 2022- जिला प्रशासन और यूनिसेफ द्वारा संचालित बीजादूतीर कार्यक्रम बीजापुर जिले के 4 ब्लॉक में स्वयंसेवकों का क्षमता वर्धन हेतु योगदान दे रहा है साल का सुखद सफ़र में हजारों युवा स्वयंसेवक के रूप में जुड़कर अपने जिले को समृद्ध बनाने हेतु सेवा दे रहे है ।
ज्ञात हो की बीजादूतीर दो शब्दों के मेल से बना हुआ एक शब्द है। जिसमें “बीजा” शब्द बीजापुर से लिया गया है और “दूतीर” का अर्थ है दूत] यानी बीजापुर के विकास के दूत “ बीजादूतीर “
“बीजादूतीर “ के अंतर्गत जिले में मानसिक स्वास्थ्य ]स्वस्थ किशोरावस्था] सुरक्षित मातृत्व] बाल विकास परिवार नियोजन] पोषण विविधता व व्यवहार परिवर्तन कुपोषण]
टीकाकरण] एनिमिया एवं सिकल सेल व डिजिटल साक्षरता के क्षेत्र में जागरूकता के लिए कार्य किए जा रहे हैं] जिससे बीजापुर में स्वस्थ व समृद्ध समाज का निर्माण होगा।
जिले के प्रत्येक गाँव में 5 युवा स्वयंसेवक विभिन्न क्षेत्रों में परिणाम प्राप्त करने के लिए अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं की सहायता कर रहे हैं। जिले की लगभग 477 ग्राम पंचायतों और शहरी वार्डों से ज्यादा से ज्यादा युवा इस अभियान से जुड़कर जिले के विकास को नई दिशा देने में अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं । बीते कुछ सालों से बीजापुर में कई विकास के कार्य हुए हैं] जिसे सतत रूप से प्रभावी बनाने की आवश्यकता के मद्देनजर यह कार्यक्रम क्षेत्र के विकास को स्थायित्व प्रदान कर रही ।
इंद्रावती नदी की गोद में बसे इस जिले के सभी जनसमुदायों के समुचित विकास के लिए युवाओं को सशक्त करने की आवश्यकता है] जिनकी मदद से जिले के हर गांव] हर क्षेत्र में व्यवहार परिवर्तन के प्रति जागरूकता लाई जा सके। युवाओं के साथ ही] स्वसहायता समूह की महिलाएं व पंचायती राज के प्रतिनिधियों को भी इस अभिनव पहल का हिस्सा बन रहा है] ताकि वह बेहतर समाज के निर्माण में अपना योगदान दे सकें।
बीजादुतीर कार्यक्रम से युवाओं को लाभ
बीजादूतीर कार्यक्रम से युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलेंगे जैसे युवाओं को स्वयंसेवा की भावना को युवाओं में विकसित करना मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना एवं समुदाय को जागरूक करना । नई पीढ़ी के साथ समुदाय में महत्वपूर्ण कार्यक्रमों और व्यवहारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए]नेतृत्व गुणों को विकसित करना और जनहित से जुड़े कार्यों में सम्मिलित होना] शिक्षा के विस्तार, बेहतर स्वास्थ्य और कुपोषण से लड़ाई जैसे बड़े मुद्दों से युवाओं को अवगत करना]जीवन कौशल की आवश्यकता और उसका महत्व बताना ]युवाओं में डिजिटल कौशल उत्पन्न करना कार्यक्रम की पहली वर्षगांठ की बधाई देते हुए कार्यक्रम अधिकारी जनपद पंचायत भैरमगढ़ ने कहा की स्वयंसेवी की भावना को युवाओं में विकसित करने की योगदान तथा नई पीढ़ी के साथ समुदाय में महत्वपूर्ण कार्यक्रम को बढ़ावा देने हेतु] शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में कुपोषण के संबंध में और युवाओं को सभी कार्य क्षेत्र में कुशल करने का कार्य काफी सराहनीय है । और बीजापुर शिक्षा अधिकारी जी ने कहा कि यह कार्यक्रम बीजादूतीर का कार्य काफी प्रशंसनीय है स्कूली बच्चों एवं समुदाय के साथ बीते 1 साल में स्वयंसेवकों के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में दिया गया योगदान अमूल्य एवं उत्तम है वहीं महिला एवं बाल संरक्षण अधिकारी राहुल कौशिक जी ने बताया की युवा जिले के विकास के लिए महत्वपूर्ण योगदान निभा रहे इन्हें कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में भी क्षमता वर्धन किया जा रहा एवं अन्य जिले एवं राज्य में भी भ्रमण के अवसर भी जिला की ओर से प्रदान किया जाएगा सक्रिय युवाओं को प्रत्येक सप्ताह क्षमता वर्धन के लिए बीजादूतीर कॉर्नर में प्रशिक्षित किया जाता है ।
युवा समस्याओं का स्रोत नहीं बल्कि समस्या का समाधान है इसी उद्देश्य के साथ यूनिसेफ और जिला प्रशासन बीजापुर मिलकर इस बीजादूतीर कार्यक्रम में एक साथ कार्य कर रहे हैं यूनिसेफ मुख्यतः प्रशिक्षण की भूमिका निभा रही जिसमें स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित कर स्वयं सेवकों के द्वारा किया जा रहा कार्य के दस्तावेजी करण का सहयोग यूनिसेफ प्रदान कर रहा है।