कवर्धा, 23 दिसम्बर 2022। कृषि विज्ञान केन्द्र, कवर्धा में आज राष्ट्रीय किसान दिवस एवं प्राकृतिक खेती पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम देश के पांचवे प्रधानमंत्री माननीय चौधरी चरण सिंह के जन्मदिन के अवसर पर राष्ट्रीय किसान दिवस के रूप में पूरे देश मनाया जाता है, उन्होने देश के किसानों की दशा में कृषि के क्षेत्र में अनेक सुधार लाने के प्रयास किए थे। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र में प्राकृतिक खेती पर जागरूकता कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।
केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. बी.पी. त्रिपाठी ने कृषकों एवं कृषि विभाग के अधिकारी-कर्मचारी को संबोधित करते हुए वर्तमान परिदृश्य में कृषि की चुनौतियों से अवगत कराते हुए कहा कि वर्तमान कृषि पद्धति में रासायनिक उर्वरको एवं कीटनाशकों आदि के कारण मृदा स्वास्थ, मानव एवं पशुओ के स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्यावरण भी प्रदूषित हो रहा है। जिसके कारण विभिन्न प्रकार के रोग हो रहे है। इसके दूष्प्रभाव को कम करने के लिए प्राकृतिक खेती कारगर सिद्ध होगी। प्राकृतिक खेती में मुख्य रूप से गौ आधारित उत्पाद जैसे-बीजामृत, जीवामृत, घनजीवामृत एवं नीमाशास्त्र आदि का उपयोग किया जाता है। जिससे जमीन में लाभदायक सूक्ष्म जीवो के साथ-साथ केचुओं के संख्या में वृद्धि होती है एवं कृषि लागत में कमी एवं कृषि उत्पादो की गुणवत्ता में वृद्धि होती है। उपसंचालक कृषि, श्री राकेश शर्मा ने संबोधित करते हुए प्राकृतिक खेती के महत्व पर प्रकाश डाला एवं केन्द्र एवं राज्य सरकार के द्वारा इस दिशा में संचालित योजनाओं की जानकारी दी तथा मैदानी अमलों को प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने हेतु निर्देशित किए। श्री बी.एस. परिहार, विषय वस्तु विशेषज्ञ, सस्य विज्ञान ने प्राकृतिक खेती के विभिन्न घटकों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही डॉ. राजेश्वरी साहु, विषय वस्तु विशेषज्ञ, उद्यान ने गौ-मूत्र से तैयार होने वाले कृषि उपयोगी उत्पादो की जानकारी दी। इस अवसर पर जिले के कृषि के मैदानी अमले एवं प्रगतिशील कृषको सहित सैकड़ों लोगो ने भाग लिया।