छत्तीसगढ़

जीवन के सफर में सहारा बना गोधन न्याय योजना

किसी के बेटी की शादी में बना मददगार, तो कोई व्यवसाय खड़ा कर होने लगा आत्मनिर्भर

किसी को डिलीवरी और छुट्टी के खर्च में आया काम, तो किसी के गहनो का शौक हुआ पूरा

कवर्धा, 20 फरवरी 2023। राज्य में पशुधन संरक्षण और संवर्धन के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ शासन द्वारा गोधन न्याय योजना की शुरुआत की गई। शासन की जनकल्याणकारी योजना से ग्रामीण और शहरी इलाकों में पशुपालकों को आमदनी का अतिरिक्त जरिया मिला है। इस योजना के तहत शासन राज्य के गौठानों में 2 रूपए प्रति किलो की दर से गोबर क्रय कर रही है जिससे राज्य में एक नई क्रांति की शुरुआत हुई है। कभी गोबर का कोई मोल नहीं था लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने गोबर का दाम देकर गौपालकों के आर्थिक स्थिति में बड़ा बदलाव किया है। कबीरधाम जिले में गोधन न्याय योजना से किसी के बेटी की शादी में मददगार बन रहा है तो किसी को व्यवसाय प्रारंभ कर आत्मा निर्भर बन रहे है। गोधन न्याय योजना से परिवार के विभिन्न आयोजनों में काम, जरूरतों को पूरा कर रहे है।
कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने बताया कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए शासन द्वारा सुराजी गांव योजना के द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने विभिन्न योजना प्रारंभ किए गए हैं, जिनमें से एक है गोधन न्याय योजना। इस योजना से जुड़े हितग्राही गोवंश चराने के परंपरागत कार्य को करते हुए गौठान में गोबर बेच रहे हैं और इससे उन्हें बहुत लाभ मिल रहा है। जिले के 341 गौठानो में गोबर खरीदी हो रही है। अभी तक 346476.40 क्विंटल गोबर की खरीदी किया जा चुका है और इसके लिए 692.95 लाख रुपए का भुगतान किया गया है। गोधन न्याय योजना से जुड़कर ग्रामीण हितग्राही लाभ कमा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर स्व-सहायता समूह की महिलाएं क्रय किए गए गोबर से वर्मी खाद का निर्माण कर उसे बेचते हुए फायदा ले रही हैं।

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