छत्तीसगढ़

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में निहित प्रावधानों और दिशा-निर्देशों का करना होगा पालन

अम्बिकापुर 18 मार्च 2024/ लोकसभा निर्वाचन 2024 के चुनाव प्रचार सामग्री मुद्रण को लेकर बरती जाने वाली सावधानियों के लिए प्रिंटिंग संचालकों की बैठक जिला पंचायत सभाकक्ष में सोमवार को आयोजित की गई। बैठक में मास्टर ट्रेनर श्री राज कमल मिश्र ने जानकारी दी कि भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली के द्वारा लोकसभा निर्वाचन के लिये कार्यक्रम जारी किये जाने के साथ ही जिले में आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील हो चुकी है। निर्वाचन के दौरान प्रचार-प्रसार हेतु अभ्यर्थियों तथा राजनैतिक दलों द्वारा पोस्टरों, पुस्तिकाओं, पाम्प्लेट्स आदि का मुद्रण एवं प्रकाशन कराया जाता है। इस पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा-127 क की जानकारी देते हुए बताया कि कोई भी व्यक्ति, ऐसी कोई निर्वाचन पुस्तिका या पोस्टर जिसमें मुख्य पृष्ठ पर उसके मुद्रण और प्रकाशक के नाम और पते न हो, मुद्रित या प्रकाशित नहीं करेगा और न ही मुद्रित या प्रकाशित कराएगा। किसी निर्वाचन पुस्तिका या पोस्टर को मुद्रित कर उसके प्रकाशक की मान्यता के बारे में अपने द्वारा हस्ताक्षरित और ऐसे दो व्यक्तियों द्वारा जो उसे स्वयं जानते हैं, अनुप्रमाणित द्विप्रतीक घोषणा मुद्रक को परिदत्त करनी होगी। मुद्रण घोषणा की एक प्रति दस्तावेज की एक प्रति के सहित उस दशा में जिसमें वह राज्य की राजधानी में मुद्रित की जाती है, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को तथा किसी अन्य दशा में उस जिले के जिसमें कि वह मुद्रित की जाती है, जिला मजिस्ट्रेट को दस्तावेज के मुद्रण के पश्चात युक्तियुक्त समय के भीतर भेजना होगा।
इस धारा के प्रयोजनों के लिये दस्तावेज की अनेकानेक प्रतियां बनाने की किसी ऐसी प्रक्रिया की बाबत जो हाथ से नकल करके, ऐसी प्रतियां बनाने से भिन्न है, यह समझा जायेगा, कि वह मुद्रण है और ’मुद्रक’ पद का अर्थ तदनुसार लगाया जायेगा। निर्वाचन पुस्तिका या पोस्टर से किसी अभ्यर्थी या अभ्यर्थियों के समूहक निर्वाचन को संप्रवर्तित या प्रतिकूलत प्रभावित करने के प्रयोजन के लिए वितरित कोई मुद्रित पुस्तिका, परचा या कोई अन्य दस्तावेज या निर्वाचन प्रति निर्देश करने वाला कोई प्ले कार्ड या पोस्टर अभिप्रेत है। उल्लेखनीय है कि किसी निर्वाचन सभा की तारीख, स्थान और अन्य विशिष्टियों को केवल आख्यापित करने वाला या निर्वाचन अभिकर्ताओं को चर्चा संबंधी अनुदेश देने वाला कोई परचा, प्लेकार्ड या पोस्टर इनके अंतर्गत नहीं आता है।
जो कोई व्यक्ति उपधारा (1) उपधारा (2) के उपबंधो में से किसी का उल्लंघन करेगा तो उसे कारावास की सजा हो सकती है जिसकी अवधि 06 महिने तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो दो हजार रुपये तक का हो सकेगा, या दोनों से दण्डनीय होगा।उपरोक्तानुसार नियमों के तहत् कार्यवाही की जायेगी। निर्धारित अनुबंध-क एवं ख में जानकारी निर्वाचन कार्यालय में प्रस्तुत करना सुनिश्चित करेंगे जिसमें प्रिंटिंग प्रेस द्वारा मुद्रित की गई सामग्रियों की चार-चार प्रतियों प्रकाशन की घोषणा के साथ संलग्न किया जाना आवश्यक होगा।
मास्टर ट्रेनर डॉ. एस एन पाण्डेय ने बताया कि कोई भी व्यक्ति किसी निर्वाचन संबंधी पैंपलेट, पोस्टर या अन्य प्रचार प्रसार सामग्री तब तक मुद्रित नहीं करेगा, जब तक उनके पास प्रकाशक की हस्ताक्षरित घोषणा और दो व्यक्तियों द्वारा अनुप्रमाणित न हो। उन्होनें बताया कि आदर्श आचार संहिता प्रभावशील होते ही सभी प्रिंटरों – मुद्रकों और प्रकाशकों को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में निहित प्रावधानों और दिशा निर्देशों का पालन करना होगा। मुद्रकों की यह जिम्मेदारी होगी कि वह निर्वाचन के दौरान प्रचार के लिए छपी गई सामग्री की तीन प्रतियां और प्रकाशक की घोषणा जिला निर्वाचन कार्यालय में छपाई के 72 घंटे या तीन दिन के भीतर जमा कराएं। साथ ही इसमें मुद्रक एवं प्रकाशक का नाम तथा मुद्रित संख्या लिखना अनिवार्य होगा। बैठक में अम्बिकापुर एसडीएम एवं निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी फागेश सिन्हा स्वीप कोर कमेटी सहायक नोडल अधिकारी गिरीश गुप्ता, निर्वाचन पर्यवेक्षक प्रमोद सिंह सहित प्रिंटिग प्रेस के संचालक उपस्थित थे।

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