सुकमा, दिसम्बर 2021/ पूरे विश्व में हर साल तीन दिसम्बर को विश्व दिव्यांगता दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। विश्व दिव्यांगता दिवस के इस अवसर पर कुम्हाररास स्थित आकार आवासीय संस्था में दो दिवसीय खेलकूद एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा हैं। इसके तहत 3 दिसम्बर को सुबह 10ः30 बजे से रंगोली एवं चित्रकला प्रतियोगिता के पश्चात् खेलकूद और बौधिक क्षमता की गतिविधियाँ हुई। जिसमें इन दिव्यांग बच्चों ने अद्वितीय खेल कौशल का प्रदर्शन किया। उनमें शारीरिक या मानसिक दिव्यांगता जरुर है, लेकिन जीवन जीने का उमंग उनमें किसी भी सामान्य व्यक्ति से कई अधिक है। वे इस बात का जीवंत उदाहरण हैं कि कोई भी व्यक्ति कमजोर नही होता, सभी अपने आप में विशेष हैं।
आकार संस्था के क्रीड़ा स्थल में खेलकूद कार्यक्रमों की शुरूआत 100 मीटर दौड़ से हुई। इस अवसर पर 100 मीटर के साथ ही 50 मीटर दौड़, मटकी फोड़, चम्मच दौड़, कुर्सी दौड़, जलेबी दौड़, बॉस्केटबॉल, मिश्रित मोती जैसे शारिरिक एवं बौधिक क्षमता वाले खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिमसें बालक-बालिकाओं ने बड़े ही उत्साह के साथ प्रतियोगिता में भाग लेकर खेल प्रतिभा का परिचय दिया। मटकी फोड़ प्रतियोगिता में नेत्र बाधित प्रतिभागियों ने एक बार में मटकी फोड़ी, यह देख वहाँ उपस्थित सभी दर्शक एवं अन्य प्रतिभागी अचंभित रह गए।
विदित हो कि प्रतिवर्ष 3 दिसम्बर का दिन दुनियाभर में दिव्यांगों की समाज में मौजूदा स्थिति, उन्हें आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करने तथा सुनहरे भविष्य हेतु विचार विमर्श करने के लिए जाना जाता हैं। दरअसल यह संयुक्त राष्ट्र संघ की एक मुहिम का हिस्सा है। जिसका उद्देश्य दिव्यांगजनों को मानसिक रूप से सबल बनाना तथा अन्य लोगों में उनके प्रति सहयोग की भावना का विकास करना है। विश्व दिव्यांग दिवस की औपचारिक शुरुआत वर्ष 1992 से हुई थी। हमारे सामने वैज्ञानिक व खगोलविद स्टीफन हॉकिंग जैसे लोगों की लम्बी फेहरिस्त हैं, जिन्होंने दिव्यांगता को कमजोरी नहीं समझा, बल्कि चुनौती के रूप में स्वीकार किया और आज हम उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए उन्हें याद करते हैं।
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