छत्तीसगढ़

धान को तारपोलिन से ढककर गीले होने से बचाने की कवायद

बलौदाबाजार, दिसम्बर/ बेमौसम बारिश से खुले में पड़े धान को गीले होने से बचाने के लिए पुख्ता इंतजाम किये गये है। खरीदी केन्द्रों में रखी गई धान की स्टेक को जहां तारपोलिन से ओढाकर ढंक दी गई है, वहीँ ढेरी के आस-पास एकत्र पानी को नाली बनाकर निरन्तर बाहर किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि मौसम विभाग ने दो-तीन दिन पूर्व ही पानी गिरने का अनुमान लगाया था। इसके आधार पर कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने तीन दिन पूर्व ही चेतावनी जारी करते हुए खुले में पड़े धान की सुरक्षा के लिए तारपोलिन आदि की व्यवस्था के निर्देश दिए थे। पूर्व से ही व्यवस्था कर लिए जाने से धान को ज्यादा नुकसान नहीं होने की जानकारी प्रारम्भिक रूप से आई है। इधर कलेक्टर ने आज सवेरे इस संबंध में अधिकारियों की आपात बैठक ली। उन्होंने पानी के और ज्यादा गिरते रहने पर धान को गीले होने से बचाने के लिए सभी आवश्यक उपाय सुनिश्चित करने को कहा है। धान खरीदी से जुड़े अधिकारी एवं जोनल अफसर बैठक में शामिल हुए। बैठक में मिले टिप्स के साथ अधिकारी अपने-अपने प्रभार के खरीदी केन्द्रों का दौरा किया। केन्द्रों का बेमौसम पानी से बचाव के दृष्टिकोण से निरीक्षण किया और व्यवास्था कराई।अधिकांश अफसरों ने निरीक्षण की प्रारम्भिक रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप दी है। कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को बारिश के बंद होते तक प्रतिदिन दौरा करने को कहा है। उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि रात में भी खरीदी केन्द्रों पर कर्मचारी एवं श्रमिक अलर्ट मोड में रहें ताकि ठहरे पानी को बाहर निकालकर नुकसान को कम से कम किया जा सके। कलेक्टर ने कहा कि धान को गीले होने से बचाना फिलहाल राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन का सर्वाधिक महत्वपूर्ण काम है। इसमें नीचे से लेकरऊपर लेवल तक जरा भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। कलेक्टर 1 जनवरी को जोनल अफसरों की बैठक लेकर समीक्षा करेंगे।

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