रायगढ़, 31 दिसम्बर2021/ खम्हार (बस्ती पारा) विकासखंड लैलूंगा निवासी बिट्टू महंत एक सेरेब्रल पाल्सी (सी.पी.)से ग्रसित बच्चा है। वह अपने नाना-नानी के साथ बस्ती पारा खम्हार लैलूंगा में रहता है। उसके माता-पिता ने उसे जन्म के बाद छोड़ दिया था। उनका पालन पोषण व देखभाल उसकी नानी द्वारा किया जाता है। उसकी नानी को हमेशा यह अफसोस होता था कि दूसरे बच्चों की तरह बिट्टू कभी पड़ पायेगा या नही, इसके लिए कोई सहयोग हो सकता है कि नहीं।
दिव्यांग शिविर में मिली आशा की नई किरण
इसी दरमियान विकासखंड लैलूंगा के ग्राम कोड़ासिया में दिव्यांग शिविर का आयोजन हुआ। उस दिव्यांग शिविर में उसकी नानी भी दूसरे बच्चों की तरह सेरेबल पाल्सी से ग्रसित अपने नाती बिट्टू महंत को लेकर दिव्यांग शिविर में पहुंची। उसी दरमियान उस शिविर में समग्र शिक्षा के विकासखण्ड लैलूंगा में कार्यरत बी.आर.पी.(आई.ई.डी.) श्रीमती सरला चंद्रा से उनकी मुलाकात हुई और जब श्रीमती सरला चंद्रा ने उसकी नानी से पूछा कि आपके इस बच्चे को आपने अभी तक किसी स्कूल में एडमिशन क्यों नही कराया है तो उसकी नानी ने बताया कि मैडम हमारे बच्चे को स्कूल में विद्यालय में एडमिशन नहीं हो रहा है। तब श्रीमती सरला चंद्रा ने जिला कार्यालय के निर्देशानुसार लैलूंगा विकास खंड शिक्षा अधिकारी श्री जी.आर.जाटवर एवं बीआरसीसी श्री अरविंद राजपूत के मार्गदर्शन से स्कूल के प्रधान पाठक से चर्चा कर सेरेब्रल पाल्सी से ग्रसित बिट्टू महंत का नाम स्कूल में दर्ज कराया। वर्तमान में बिट्टू महंत शासकीय प्राथमिक शाला बस्ती पारा खम्हार लैलूंगा में कक्षा पांचवी में अध्ययनरत है।
दी जा रही गृह आधारित शिक्षा, प्रदान की गई सहायक सामग्री
वर्तमान में बिट्टू महंत को बीआरपी सरला चंद्रा द्वारा बिट्टू को गृह आधारित शिक्षा प्रदान की जा रही है। जिससे सेरेबल पाल्सी से ग्रसित दिव्यांग बच्चे बिट्टू महंत के सपनों को नई उड़ान मिली है। उल्लेखनीय है कि राजीव गांधी शिक्षा मिशन के द्वारा शासकीय योजना के तहत बिट्टू महंत को व्हीलचेयर भी प्रदान किया गया है, जिसके सहारे उसे आवागमन में काफी सुविधा मिल रही है। इसके अतिरिक्त दिव्यांग बच्चों को शासन द्वारा दी जाने वाली समस्त लाभ जैसे दिव्यांग छात्रवृत्ति, ट्रांसपोर्ट एलाउंसमेंट भी प्रदाय किया जा रहा है।