छत्तीसगढ़

वनांचल के ग्राम पंचायत नावाडीह के आश्रित गांव गंधराचुआ में मनाया गया रेडियो किसान दिवस

रायगढ़ फरवरी2022/ मृदा वैज्ञानिक व प्रभारी अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय व अनुसंधान केन्द्र बोईरदादर रायगढ़ के श्री जी.आर. राठिया ने कहा कि विकास का रास्ता रेडियो कार्यक्रमों से होकर जाता है। उन्होंने रेडियो की महत्ता को बताते हुए कहा कि रेडियो की सूचना से उनको नौकरी मिली है। रेडियो पर पीएटी परीक्षा की सूचनाएं प्रसारित हो रही थी, उसे सुनकर उन्होंने परीक्षा दिया और आज इस मुकाम पर हैं। श्री राठिया आकाशवाणी किसानवाणी प्रभाग द्वारा आयोजित रेडियो किसान दिवस के अवसर पर किसानों को संबोधित कर रहे थे। हर साल आकाशवाणी द्वारा 15 फरवरी रेडियो किसान दिवस का आयोजन किया जाता है। इस साल सारंगढ़ ब्लॉक के ग्राम पंचायत नावाडीह के आश्रित गांव गंधराचुंआ वनांचल में यह आयोजन किया गया था। इस दौरान किसानों को जहां खेती के नई तकनीकों की जानकारी दी गई, वहीं विषेषज्ञों ने आय दोगुनी करने के उपाय भी बताए गए।
आकाशवाणी का किसानवाणी प्रभाग किसानों की आय दोगुनी करने की थीम पर काम करते आ रहा है। इसके लिए रेडियो के माध्यम से नए-नए तरीके बताए जाते है और विशेषज्ञों द्वारा जानकारी भी दी जाती है। साथ ही प्रगतिशील किसानों के अनुभवों को भी रेडियो कार्यक्रम के माध्यम से साझा किया जाता है। इसी कड़ी में रेडियो किसान दिवस कार्यक्रम का आयोजन कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए किया गया। इसके पहले मां भारती की तैल चित्र पर माल्यार्पण कर पूजा-अर्चना की गई और कार्यक्रम का शुभारंभ मां शारदे की वंदना की आराधना से किया गया। इसके बाद आकाशवाणी के कार्यक्रम अधिशासी शशी प्रकाश पांडेय ने इस दिवस के उद्देश्य और थीम की जानकारी दी। इस कार्यक्रम में उद्घोषक रमाशंकर शुक्ला, किसानवाणी प्रभाग के कंपीयर चवल पटेल, धवल किशोर गुप्ता, दिलीप चौधरी, मुकेश चतुर्वेदी, रामबिलास पटेल, वेणुधर पटेल समेत दर्जनों की संख्या में किसान और ग्रामीण उपस्थित थे। मृदा वैज्ञानिक व प्रभारी अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय व अनुसंधान केन्द्र जीआर राठिया ने खरपतवार नियंत्रण की जानकारी भी दी। कृषि में गुणवत्तापूर्ण उपज के लिए खरपतवारों पर नियंत्रण आवश्यक है। इस संदर्भ में विषय वस्तु विशेषज्ञ शस्य विज्ञान ने किसानों को जानकारी दी। विषय वस्तु विशेषज्ञ उद्यानिकी ने बताया कि खेती में उद्यानिकी साथ में हरदम पैसा हाथ में के आधार का व्याख्या किया।
सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष कृषि महाविद्यालय व अनुसंधान केन्द्र बोईरदादर रायगढ़ के सुनील कुमार गौतम ने बताया कि खेती में दस्तावेजों का महत्वपूर्ण स्थान है। अगर भूल-चुक हो जाए तो दस्तावेजों में विवरण गलत हो जाता है, जिसके कारण किसानों को आर्थिक, मानसिक परेशानियों से जूझना पड़ता है। इस सबका एक मात्र उपाय तकनीकों का उपयोग, भूमि का डिजिटिलीकरण है। इस अवसर पर कृषि अधिकारी डीएस तोमर ने जैविक खेती और आरएन साहू ने आरआर प्रदर्शन के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में मत्स्यकी विभाग के निरीक्षक श्री मनीराम कुर्रे, ब्रजेश पटेल, ओम प्रकाश लहरे, पंकज कुमार पटेल, मुरलीधर देवांगन, डॉ अशोक पांडेय, कोमल कुमार साव, विक्रम आरईएचओ बेलटिकरी विक्रम पटेल, संदीप शर्मा, डॉ.खुबचंद पुरस्कार से सम्मानित किसानों में विजय यादव, खीरसागर पटेल, मुकेश चौधरी समेत सैकड़ों किसान और ग्रामीण मौजूद रहे। कोरोना संक्रमण के इस समय में शासन के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए उपस्थित सभी लोगों ने मास्क के साथ-साथ दो गज की दूरी का भी ध्यान रखा। कार्यक्रम में आदर्श गोठान, हिर्री द्वारा वर्मी कम्पोस्ट खाद एवं वर्मी कम्पोस्ट से तैयार सब्जी का स्टॉल, प्रगतिशील कृषक मुकेश चौधरी द्वारा ग्रीन राइस एवं सुगंधित चावल का स्टॉल के साथ-साथ शासकीय आयुर्वेदिक लेन्ध्रा द्वारा भी स्टॉल लगाया गया था। कार्यक्रम के आयोजन में समस्त ग्रामवासियों के साथ-साथ ग्राम सरपंच श्रीमती शारदा मालाकार का विशेष योगदान रहा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *