छत्तीसगढ़

शासन की मदद से महिलाओं को मिली नई दिशा

बिलासपुर मार्च 2022। पटैता की रोशनी स्वसहायता समूह की महिलाएं उन तमाम महिलाओं के लिए एक मिसाल हैं जो ग्रामीण परिवेश में रहते हुए भी अपनी एक अलग पहचान बनाने की चाहत रखती हैं। इसी जुनून के चलते समूह की महिलाएं एनआरएलएम की बिहान योजना से जुड़ी। अपने हुनर और योजना का लाभ उठाकर न केवल वे स्वावलंबी बनी अपितु अपने आस-पास की महिलाओं को भी उन्होंने आत्मनिर्भर बनाया। रोशनी स्व सहायता समूह की महिलाएं बिहान योजना से 75 हजार रूपए ऋण राशि लेकर हल्दी, धनिया और मिर्च पाऊडर उत्पादन का कार्य कर रही हैं। वे अपने उत्पाद को स्थानीय हाट बाजारों और छात्रावासों में विक्रय कर रही हैं। इससे उन्हें प्रतिमाह लगभग 12 हजार रूपए की आमदनी हो रही है, जिसकी मदद से वे अपने बच्चों की फीस जमा करती हैं। उनके लिए किताबें खरीदती हैं। समूह की महिलाएं बताती हैं कि पहले उन्हें हर छोटी-छोटी चीज के लिए अपने पति पर निर्भर होना पड़ता था, लेकिन आज बिहान योजना से जुड़ कर वह खुद भी कमाने लगी हैं। समूह की महिलाएं कहती हैं कि बिहान योजना ऐसी महिलाओं के लिए बहुत उपयोगी हैं जो आत्मिर्भर बनना चाहती हैं।
आत्मनिर्भर बनने और कुछ कर गुजरने का ऐसा ही जज्बा लिए विकासखंड बिल्हा की श्रीमती ईश्वरी यादव भी बिहान योजना से जुड़ी। उनसे प्रेरित होकर अन्य महिलाएं भी इस योजना से जुड़ने लगी। विकासखंड बिल्हा के ग्राम फरहदा की भारत माता स्वसहायता समूह की इन महिलाओं ने एन.आर.एल.एम योजना से एक लाख रूपए की राशि ऋण ली। इस समूह द्वारा टोस्ट एवं क्रीम रोल निर्माण का कार्य किया जा रहा है। इनके द्वारा 350 पैकेट टोस्ट एवं 200 पैकेट क्रीम रोल का निर्माण किया जा रहा है, इन कार्याे से समूह को लगभग 11 हजार की आमदनी हो रही है। श्रीमती ईश्वरी यादव ने बताया कि अपने पैरों पर खड़े होने की खुशी ही अलग है। घर के खर्चाे में हाथ बंटाने से अंदर से खुशी मिलती है। परिवार और समाज में हमारा सम्मान बढ़ा है।
विकासखंड बिल्हा के ग्राम सेमरताल की सखीखैर माई स्वसहायता समूह की महिलाओं ने आरसेटी से प्रशिक्षण प्राप्त कर एक लाख रूपए का ऋण लिया और पापड़, आचार एवं मिक्चर नमकीन निर्माण का कार्य शुरू किया। वर्तमान में समूह को 5 से 6 हजार रूपए की आमदनी हर माह हो रही है। बिहान योजना के माध्यम से इन लोगों ने छोटी सी राशि के साथ अपने उद्यम की शुरूआत की और अब गांव और आस-पास की महिलाओं के लिए वे रोल मॉडल बन गयी हैं । शासन की योजनाओं का लाभ उठाकर महिलाओं ने अपनी दशा और दिशा बदल ली है। बिहान योजना से महिलाओं के जीवन में नवा बिहान आया है।

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