अम्बिकापुर मार्च 2022/ जिले के गोठान में जिला प्रशासन की सहायता से स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा ह्यूमिक एसिड का निर्माण किया जा रहा है। गोबर से बना ह्यूमिक एसिड मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में सहायक है। ह्यूमिक एसिड के निर्माण के बाद इसे बेहद आकर्षक बोतलों में पैक कर बिक्री के लिये तैयार किया गया है। मैनपाट महोत्सव के समापन समारोह के अवसर पर प्रभारी मंत्री डॉ शिव कुमार डहरिया ने ह्यूमिक एसिड की बोतलों का लॉन्चिंग किया।
कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा के मार्गदर्शन में सरगुजा जिले में लगातार गोठानों में काम करने वाली स्व सहायता समूहों की महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन हेतु नित नए लाभकारी प्रयोग की जा रही है, जिससे न केवल गौठानों में एक्टिविटी बढ़ी है साथ ही साथ महिला स्व सहायता समूहों को रोजगार के नए दरवाजे खुले हैं। इसी कड़ी में अब गोबर से ह्यूमिक एसिड का निर्माण एक नवाचार के रूप में जुड़ गया है।
अंबिकापुर विकासखंड के आदर्श गौठान सोहगा का चयन रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) के अंतर्गत किया गया है। ह्यूमिक एसिड के निर्माण के लिए प्रेम महिला स्व सहायता समूह के सदस्यों को उद्यान विभाग द्वारा संचालित बायोटेक लैब में तकनीकी अधिकारियों द्वारा प्रशिक्षित किया गया है। ह्यूमिक एसिड मिट्टी में सॉइल कंडीशनर और ग्रोथ स्टीमुलेटर का काम करती है। इसके उपयोग से फसलों के उत्पादन में 4 से 5 प्रतिशत तक की वृद्धि पाई गई है।
ह्यूमिक एसिड पूर्णतः जैविक तरल खाद है, इसके प्रयोग से मिट्टी भुरभुरी होती है, फसलों के जड़ों का विकास होता है, मिट्टी में जल धारण क्षमता का विकास होता है, मिट्टी में उपलब्ध अघुलनशील पोषक तत्व को घुलनशील बनाकर पौधां को उपलब्ध कराता है, पौधो में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को तेज करता है और पौधो में सूक्ष्म पोषक तत्वों की उपलब्धता को बढ़ाता है।
ऐसे बनता है ह्यूमिक एसिड- गौठान में गांवो के पशुपालकों द्वारा लाए गए गोबर को पहले 25 से 30 दिन तक सुखाया जाता है। फिर इस सूखे गोबर को पहले से तैयार पानी की टंकी में 3 दिन तक पानी मिलाकर पंप की मदद से रोटेट किया जाता है। चौथे दिन पानी मिले गोबर के घोल को काउडंग डी-वाटरिंग एंड ड्राई सेप्रेटर मशीन में डाला जाता है, जहां रॉ ह्यूमिक एसिड और सूखा गोबर अलग हो जाता है, रॉ ह्यूमिक एसिड को 2 दिन विभिन्न प्रक्रियाओं से गुजार कर अलग कर लिया जाता है।