छत्तीसगढ़

परियोजना निदेशक श्री खूंटे ने सी-मार्ट और आजीविका गतिविधियों का किया निरीक्षण

गौरेला पेण्ड्रा मरवाही, 23 मार्च 2022/ जिले में गठित महिला स्व सहायता समूहों द्वारा निर्मित विभिन्न उत्पादों की बिक्री के लिए राज्य शासन द्वारा सी-मार्ट की स्थापना की गई है। सी-मार्ट फिनाइल, साबुन, मसाले, शहद, नमकीन, आंवला मुरब्बा, अचार, आयुर्वेदिक औषधियां, अगरबत्ती, इमली, झाड़ू, कलात्मक सामग्री की बिक्री के लिए रखा गया है। ताकि स्थानीय स्तर पर समूहों द्वारा निर्मित सामग्री को बाजार की उपलब्धता सुनिश्चित होने के साथ ही समूह के सदस्यों की आय में वृद्धि हो। परियोजना निदेशक जिला पंचायत (डीआरडीए) श्री आर के खूटे ने आज विकासखण्ड मुख्यालय पेंड्रा में संचालित सी-मार्ट का निरीक्षण किया। उन्होंने मार्ट संचालक श्री सोमेशदत्त से सामग्री की गुणवत्ता, पैकेजिंग, विक्रय आदि के बारे में जानकारी ली और अधिक से अधिक समूहों को सी-मार्ट से लिंक करने कहा। निरीक्षण के दौरान सहायक परियोजना अधिकारी श्री जी.पी. साहू एवं जिला मिशन प्रबंधक एनआरएलएम श्री दुर्गाशंकर सोनी भी उपस्थित थे। अधिकारियों ने सी-मार्ट से औषधियां, नमकीन, मिट्टी के कप एवं मुरब्बा की खरीददारी की।
श्री खूंटे ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) अंतर्गत ग्राम बंसतपुर में महिला स्व सहायता समूहों द्वारा संचालित आजीविका गतिविधियों का भी निरीक्षण किया। जय मां शारदा महिला स्वसहायता समूह की सदस्य श्रीमती उत्तरा पुरी ने बताया कि उनके द्वारा ढ़ाबा रेस्टोरेन्ट का संचालन किया जा रहा है। उन्होने पहली बार 18 हजार रूपए लोन लेकर ढाबा शुरू किया है। वे प्रतिदिन लगभग 3 से 5 हजार की बिक्री कर एक से डेढ़ हजार रूपए तक आय प्राप्त कर है। श्रीमती पुरी ने बताया कि वे दूसरी बार 50 हजार और तीसरी बार 4 हजार का लोन लेकर सैनेटरी पेड विक्रय और मुर्गी पालन एवं बकरी पालन का कार्य कर रही है। उनके द्वारा 21 हजार रुपये के सेनेटरी पैड का विक्रय और 30 हजार रुपये की बकरी पहली बार बेच कर 25 हजार रुपये शुद्ध प्राप्त किया है।
निरीक्षण के दौरान शैली महिला स्व सहायता समूह की सदस्य श्रीमती हेमा वासुदेव ने बताया कि उन्होने 1 लाख का लोन लेकर एल.ई.डी. बल्ब का निर्माण कर रही है। उन्होने 25 हजार रूपए में कच्चामाल एवं मशीन खरीद कर कार्य प्रारंभ किया और अब तक 24 हजार बल्ब का निर्माण कर लिया है। एक बल्ब की कीमत 60 रुपये तक है, समूह सदस्य द्वारा 15 हजार रुपए का बल्ब बेच कर 4 से 5 हजार रुपए कमा रही है। परियोजना निदेशक ने शासकीय कार्यालयों के उपयोग के लिए एलईडी बल्ब की खरीदी समूह से ही करने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए।

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