अम्बिकापुरअप्रैल 2022/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी की 28 वी कड़ी का प्रसारण रविवार 17 अप्रैल 2022 को आकशवाणी, एफएम रेडियो एवं क्षेत्रीय टीवी चैनलों के द्वारा किया गया। लोकवाणी में मुख्यमंत्री ने इस बार नवा छत्तीसगढ़-नवा बजट विषय पर बातचीत करते हुए वर्ष 2022-23 के लिए किये गए बजट प्रावधान की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शासकीय महाविद्यालय सीतापुर में एक ऑडिटोरियम भवन निर्माण के लिए बजट में प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज अस्पताल अम्बिकापुर में सुविधाओं के उन्नयन हेतु राशि का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के बजट प्रावधान एवं महत्त्वपूर्ण योजनाआें की जानकारी देते हुए कहा कि छतीसगढ़ का बजट अब 1 लाख करोड़ से पार हो गया है जो प्रत्येक छत्तीसगढ़वासी के लिए गौरव का विषय है। वास्तव में छतीसगढ़ की जनता ने जी तोड़ मेहनत की है और अपने खून-पसीने से सींच कर राज्य के विकास के पौधे को एक फलदार वृक्ष के रूप में विकसित किया है। हमारा नया बजट नए छतीसगढ़ निर्माण की दिशा तय करने वाला है। प्रदेश की खुशहाली में जनभागीदारी की सर्वाधिक भूमिका रहे, प्रदेश की समृद्धि में प्रत्येक छतीसगढ़ी की भागीदारी रहे यह सुनिश्चित की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले प्रदेश का बजट केंद्र और राज्य के बजट में बहुत अंतर होता था लेकिन अब की स्थिति में केंद्र और राज्य की राशि लगभग बराबर है। राज्य की कुशलता के आधार पर आधिक्य का बजट बनाया है। हमारी सरकार ने आर्थिक मोर्चे पर प्रदेश को जिस मुकाम पर पहुंचाया है उस पर पूरे प्रदेशवासियों का सर मान और गौरव से ऊंचा हुआ है। उन्होंने कहा कि बजट में एक ओर अनुसूचित जाति और जनजाति की संख्या के आधार पर बजट प्रावधान किया है वही दूसरी ओर सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र को भी बराबर तवज्जो दी है। हमारी सरकार कृषि हित को सामने रख कर काम करने वाली सरकार है। हमने कृषि बजट की अवधारणा पर भी काम किया है। वर्ष 2022-23 में कृषि बजट के लिए 20 हजार 405 करोड़ की राशि का प्रवधान रखा गया है। नगरीय निकाय के जन प्रतिनिधियों की वित्तीय शक्ति बढ़ाया है वही पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय में भी बढ़ोत्तरी किया गया है।
कला केंद्र मैदान में लोकवाणी के श्रवण के दौरान सर्व श्री कृष्णमोहन, मुनील धुर्वे, प्रदीप राजपूत, रामराव उइके, राजू मालवीय, राजेश सोनवानी सहित कई युवा उपस्थित थे। इसके साथ ही जनपद मुख्यालय एवं पंचायतों में भी लोकवाणी उत्साह के साथ सुनी गई।