रायगढ़, अप्रैल 2022/ राज्य शासन से प्राप्त निर्देशानुसार सीएमएचओ डॉ.एस.एन.केशरी के मार्गदर्शन में कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के सभा कक्ष में 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस के अवसर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें डॉ. टी.जी.कुलवेदी, जिला मलेरिया अधिकारी ने विकासखण्ड से आये ए.एन.एम. एवं आर.एच.ओ.(पु.)तथा अन्य विभाग के कर्मचारियों को मलेरिया से संबंधित विस्तृत जानकारी दी गयी एवं मलेरिया कार्यक्रम की रूपरेखा सन् 1953 से लेकर राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम 2004 से अब तक की मलेरिया उन्मूलन में किये गये कार्यों का विवरण बताया गया, जिससे मलेरिया को नियंत्रण किया जा सके।
जिले के समस्त विकासखण्डों को विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर बैनर, पोस्टर, एवं अन्य संदेश के माध्यम से निचले स्तर पर प्रचार-प्रसार करते हुए विश्व मलेरिया दिवस मनाने का आग्रह किया गया है। जिसके साथ ही रायगढ़ के शहरी क्षेत्र एवं समस्त विकासखण्ड में विश्व मलेरिया दिवस के उपलक्ष्य में वृहद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसी क्रम में रायगढ़ कॉलेज आफ फार्मेसी के छात्र-छात्राओं के बीच मलेरिया नियत्रण विषय पर चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया तथा उत्कृष्ट तीन चित्रकला को स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरूस्कार स्वरूप पुरस्कृत किया गया। छत्तीसगढ़ राज्य में विगत वर्षो के आकड़ो को मद्देनजर रखा जाए तो पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में मलेरिया प्रकरणों में वृहद कमी देखने को मिली है, साथ ही रायगढ़ जिला में भी विगत पांच वर्षों से मलेरिया के केश में कमी पायी गई है। रायगढ़ जिले के 9 विकासखण्डों में से अति संवेदनशील चार विकासखण्डों में विशेष ध्यान देने की जरूरत रहती है। प्रत्येक वर्ष चिन्हित विकासखण्डों में विशेष रूप से आईआरएस एवं शासन से प्राप्त दीर्घकालिक कीटनाशक दवा लेपित मच्छरदानी के उपयोग को बढ़ाया गया है और फालोअॅप करते हुए कार्यक्रम की निगरानी की जा रही है। जिले के पिछले 5 साल के आकड़ों (वर्ष 2017 में 2692 केश, वर्ष 2018 में 1055 केश, वर्ष 2019 में 824 केश, वर्ष 2020 में 363 केश एवं वर्ष 2021 में 155 केश) पर गौर करेगें तो मलेरिया के प्रकरणों में लगातार कमी आई है। सतत प्रयास करते रहने से एवं जनमानस के सहयोग से बहुत जल्द ही रायगढ़ जिले को मलेरिया मुक्त जिले के रूप में घोषित कर सकेंगे। शासन की मंशा है कि छत्तीसगढ़ राज्य को वर्ष 2030 तक मलेरिया मुक्त राज्य के रूप में घोषित किया जा सके।