अम्बिकापुर , मई 2022/ छत्तीसगढ़ राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री सरजियस मिंज की अध्यक्षता में शुक्रवार को यहां जिला पंचायत सभाकक्ष में सरगुज़ा संभाग के नगरीय निकाय के प्रतिनिधियां एवं अधिकारियों का संवाद सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष को शहर सरकार के प्रतिनिधियों ने स्थानीय निकाय की समस्या, आय के स्रोत बढ़ाने तथा वित्तीय प्रबंधन के सम्बंध में अपनी सुझाव साझा किए। अधिकांश प्रतिनिधियों ने जमीन हस्तांतरण, दुकानों के आवंटन हेतु लाइसेंस में रुकावट तथा चतुर्थ वर्ग कर्मचारियां के वेतन भुगतान की समस्या पर बल दिया।
आयोग के अध्यक्ष श्री मिंज ने कहा कि नगरीय निकाय स्थानीय संसाधनों का बेहतर उपयोग कर कैसे अपने संगठन को मजबूत कर सकते है इस दिशा में सकारात्मक सोच के साथ आगे बढं़े। अधिकांश प्रतिनिधियों ने बताया है कि भूमि हस्तांतरण व दुकानों के नीलामी में दिक्कत आ रही है। इस समस्या का समाधान नगर निगम आयुक्त स्तर पर ही हो सकता है। आपस में समन्वय कर इसका आसानी से हल निकाला जा सकता है। उन्होंने कहा की अतिक्रमण की भूमि का अधिक से अधिक व्यावसायिक उपयोग करें। टैक्स वसूली व राशि का हस्तांतरण में पारदर्शिता रखें। उन्होंने कहा कि आप लोगां ने जो चिंता जाहिर की है उन सब विषयों का परीक्षण व अध्ययन कर शासन को प्रस्ताव भेजी जाएगी।
कमिश्नर श्री जी.आर. चुरेन्द्र ने कहा कि बेहतर वित्तीय प्रबंधन से निकायों की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया जा सकता है। जन सहभागिता के द्वारा निकायों में विकास के नए आयाम स्थापित हो सकता है। कार्यशाला में वित्त आयोग द्वारा वित्तीय निर्देशों व नियमों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी जाएगी जो भविष्य में आप लोगों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। इसके बाद आयोग के सचिव श्री सतीश पांडेय ने राज्य वित्त आयोग के कार्यक्षेत्र व अधिकार के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला।
अम्बिकापुर नगर निगम के महापौर डॉ अजय तिर्की एवं सभापति श्री अजय अग्रवाल ने निगम में वर्षों पुरानी भूमि हस्तांतरण सहित अन्य जटिल प्रक्रियाओं का सरलीकरण किये जाने, जनप्रतिनिधियों के मानदेय का नियमित भुगतान ट्रेजरी के माध्यम से कराने की बात कही। नगर निगम की आय का जरिया बढ़ाने के लिए कुछ विशेष प्रयास करने की आवश्यकता पर बल दिए। अम्बिकापुर नगर निगम उपायुक्त श्री विजय दयाराम के. ने राशि आबंटन में जनसंख्या एवं पिछड़ेपन को आधार बनाने तथा नई कालोनी के बनने पर वसूल गई विकास तथा आश्रय शुल्क के उपयोग की प्रक्रिया का सरलीकरण करने की बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य शासन के गाइडलाइन के अनुसार भूमि आबंटन के 152 प्रतिशत नियम में से कुछ हिस्सा संबंधित नगरीय निकाय के विकास के लिए आरक्षित रखना चाहिए। भूमि आबंटन की प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया जाना चाहिए।
चिरमिरी नगर निगम एवं नगर पंचायत क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने एसईसीएल के बंद पड़ी खदानों की जमीन को नगरीय निकाय को हस्तांतरित करने की मांग रखी ताकि उस जमीन का उपयोग कर आय के स्रोत को बढ़ाया जा सके। इसी प्रकार कोयला उत्खनन से क्षेत्र के पर्यवारण पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव के प्रति भी चिंता व्यक्त की गई। लखनपुर एवं सीतापुर नगर पंचायत के प्रतिनिधियों ने मांग की कि नगर पंचायत के आस-पास के खाली जमीन का हस्तांतरण नगर पंचायत को किया जाय ताकि व्यवसायिक परिसर के रूप में विकसित कर उससे आय हासिल किया जा सके। प्रतापपुर एवं पत्थलगांव नगरीय निकाय के प्रतिनिधियों ने दुकान आबंटन हेतु लाइसेंस का सरलीकरण तथा कर्मचारियों के सेट अप की मांग की। उन्होंने कहा कि कर्मचारियां की उचित सेट अप नही होने के कारण अतिक्रमण हटाने में काफी दिक्कत होती है।
कार्यक्रम में संयुक्त सचिव श्री जेएस विर्दी, सदस्य सुश्री पायल गुप्ता सहित संभाग के नगरीय निकायों के प्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित थे।