अम्बिकापुर , मई 2022/ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री अमित जिंदल ने शुक्रवार को अम्बिकापुर स्थित बाल संप्रेक्षण गृह, विशेष गृह एवं प्लेस ऑफ सेफ्टी का निरीक्षण किया और वहां शिविर लगाकर बालकों को किशोर न्याय अधिनियम की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किशोर न्याय अधिनियम 2015 का मूल उद्देश्य बालकों का सर्वोत्तम हित है। अधिनियम की प्रक्रिया पूर्णतः बालक हितैषी होता है।
श्री जिंदल ने बताया कि अधिनियम की धारा-10 के अनुसार विधि का उल्लंघन करने वाले बालक को पुलिस हवालात में या जेल में नहीं रखा जाएगा तथा धारा-11 के अनुसार बालक को प्रभार में रखने वाले व्यक्ति द्वारा उसका भरण पोषण भी किया जाएगा। अधिनियम की धारा-18 के अनुसार बालक को समुचित परामर्श उपदेश या भर्त्सना आदि पर छोड़ा जा सकता है तथा बालक से कोई जुर्माना वसूल नहीं किया जाता। बालक हितैषी उद्देश्य को क्रियान्वित करने के लिए अधिनियम की धारा-27 में बाल कल्याण समिति होती है। समाचार पत्र आदि में बालक का नाम प्रकाशित नहीं किया जाएगा। श्री जिंदल ने निःशुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस अधिनियम के तहत किसी बालक को कैपिटेशन फीस देने की बाध्यता नहीं है तथा बालक के अभिभावक को किसी स्क्रीनिंग प्रक्रिया से गुजरना नहीं होगा। उन्होंने बच्चों को मूल कर्तव्य के बारे में भी बताया और संविधान का पालन, राष्ट्र का आदर, पर्यावरण की रक्षा व सार्वजनिक हिंसा से दूर रहने की समझाइश दी।