छत्तीसगढ़

आंगनबाड़ी केन्द्रों में 1 अगस्त से 7 अगस्त तक मनाया जाएगा स्तनपान सप्ताह

कलेक्टर श्री महोबे में इस आयोजन तथा कार्यक्रम के बेहतर क्रियान्वयन के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्वाथ्य विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए

गृह भेंट के माध्यम से स्तनपान संबंधी संदेशों का प्रचार प्रसार किया जाएगा, दीवार लेखन सहित होंगे विविध आयोजन

कवर्धा, जुलाई 2022।  राज्य शासन के निर्देशानुसार जिले में आगामी 1 अगस्त से 7 अगस्त 2022 तक विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजन आंगनबाड़ी केन्द्रों में किया जाएगा। इस अवसर पर स्तनपान को बढ़ावा देने तथा शिशुओं एवं बच्चों में रूग्णता की दर, कुपोषण, शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग एवं महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संयुक्त रूप से जनजागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे नें इस आयोजन तथा कार्यक्रम के बेहतर क्रियान्वयन के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्वाथ्य विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए है।
महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री आनन्द तिवारी ने बताया कि विश्व स्तनपान सप्ताह वर्ष 2022 हेतु थीम ’’ स्टेप अप फार ब्रेस्टफीडिंग एडुकेशन एण्ड सपोर्ट’’ है। प्रदेश में वर्ष 2015-16 के मुकाबले 2020-21 में  Early Initiation o fBreastfeeding     व  दर में गिरावट आई है, जिसे बढ़ाने के लिए  टैगलाईन ’’ये मौका छूटे ना’’ अंतर्गत अभियान चलाया जाएगा।बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य हेतु स्तनपान की जिम्मेदारी माता के साथ-साथ परिवार एवं मुख्य रूप से पिता की होती है। पिता द्वारा बच्चे की देखभाल करना, माता को बच्चे के साथ अधिक समय व्यतीत करने व उचित तरीके से स्तनपान कराने के लिए प्रोत्साहित करना आदि महत्वपूर्ण भूमिका निभाता जाता है। विश्व स्तनपान सप्ताह के अवसर पर  जिला एवं विकासखण्ड स्तर पर कार्यशाला, आंगनबाड़ी, ग्राम स्तरीय आयोजन अंतर्गत स्तनपान से संबंधित महत्वपूर्ण संदेशों के प्रचार-प्रसार के लिए नारे लेखन एवं वॉल पेंटिग की जाएगी। गृह भेंट के माध्यम से स्तनपान संबंधी संदेशों का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। विविध प्रतियोगिता जैसे प्रश्नोत्तरीय, माताओं के बीच स्पर्धा किया जाएगा। एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में दर्ज एक वर्ष से छोटे शिशुओं को उनके पोषण स्तर का आकलन कर पूर्ण टीकाकरण, शीघ्र स्तनपान, नियमित स्तनपान, सही समय पर उपरी आहार की शुरूवात तथा देखभाल एवं स्वच्छता, स्वास्थ्य आदि बिन्दुओं पर स्वस्थ्य शिशु का चयन कर उन्हे पुरूस्कृत किया जाएगा। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी ने जिले के सभी सेक्टर के अधिकारियों तथा पर्यवेक्षक को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए गए है।

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