छत्तीसगढ़

विधिक सहायता शिविर में दी गई महिलाओं के अधिकार की जानकारी

अम्बिकापुर, अगस्त 2022/ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री अमित जिन्दल के निर्देश पर पी.एल.व्ही कु. सलोमी कुजूर ने बुधवार को महिलाओं से संबंधित अधिकार के विषय पर विधिक सहायता शिविर का आयोजन किया। शिविर में उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में महिलाओं को अनेक अधिकार है तथा यदि किसी महिला को दहेज न लाने के आधार पर प्रताड़ित किया जाता है तो यह कृत्य भा.द.स. 1860 की धारा 498-ए के साथ-साथ घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 3 के तहत घरेलू हिंसा में भी आयेगा तथा घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 3 के तहत घरेलू हिंसा का क्षेत्र अत्यंत व्यापक है जिसमें आर्थिक या भावनात्मक या मानसिक रूप से दुर्व्यवहार भी शामिल है।
महिलाओं द्वारा सम्पत्ति में उनके अधिकार के संबंध में पूछने पर कु० सलोमी ने बताया कि हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम की धारा 6 के तहत किसी पुत्री को भी अपने पिता की सम्पत्ति में पुत्र की भांति अर्थात अपने भाई की भांति ही वर्तमान में सब अधिकार है। पाकसो अधिनियम 2012 के बारे में बताया  कि किसी बच्चे के प्रति किसी प्रकार का लैंगिक कार्य जो प्राकृतिक या अप्राकृतिक हो तो भा०द०स० 1860 के अतिरिक्त पाकसो अधिनियम 2012 के तहत भी कार्यवाही चलेगी तथा उक्त अधिनियम में बालक की सहमति होने से भी आरोपी को कोई बचाव नहीं मिलेगा तथा गुरूत्तर लैंगिक हमला के बारे में अभियुक्त के विरूद्ध उपधारणा की जाएगी तथा उक्त अधिनियम की धारा 30 में अभियुक्त की आपराधिक मानसिक स्थिति की उपधारणा की जाएगी।

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