छत्तीसगढ़

मनरेगा में रोजगार मूलक कार्यों को शुरू कराएं, बढ़ाएं श्रमिकों की संख्या: जिपं सीईओ

— गोधन न्याय योजना, रीपा, नरवा विकास, युवा महोत्सव, छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक खेल, युवा महोत्सव आदि की सिलसिलेवार की समीक्षा
जांजगीर-चांपा। कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा के निर्देश पर शनिवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. ज्योति पटेल ने विभिन्न योजनाओं की बैठक लेते हुए कहा कि महात्मा गांधी नरेगा रोजगार मूलक योजना है, जिससे ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार मिलता है, इसलिए मिट्टी मूलक कार्यों को प्रारंभ करते हुए जॉबकार्डधारी परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया जाए। इसके अलावा बैठक में नरवा विकास, गोधन न्याय योजना, ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा), शासकीय तालाबों का 10 वर्षीय पट्टे पर देने, रामायण मंडली पंजीयन, खेल मैदान, क्वांटिफाइबल डाटा, छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक खेल के संबंध में, 15 वें वित्त के संबंध में समीक्षा की गई।
जिपं सीईओ डॉ पटेल ने बैठक में कहा कि मनरेगा में मानव दिवस का जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है उसका प्रति सप्ताह का प्लान तैयार करते हुए कार्य कराया जाए, ताकि गांव में जॉबकार्डधारी परिवारों को रोजगार मिल सके। उन्होंने कहा कि नरवा प्रोजेक्ट के तहत चल रहे कार्यों को पूर्ण करना है और अप्रारंभ कार्यों को शुरू कराना है। उन्होंने कहा कि नरवा से आए बदलाव के बारे में डिटेल रिपोर्ट तैयार करें। इसके अलावा ब्लॉक प्लांटेशन, अमृत सरोवर तालाब, मछली पालन तालाब, नेशनल मोबाइल मॉनीटरिंग सिस्टम, समयबद्ध मजदूरी भुगतान, लंबित भुगतान आदि की समीक्षा की गई। उन्होंने युवा महोत्सव, छग ओलम्पिक का सफलतापूर्व आयोजन करने के निर्देश दिए। मानस मंडलियों का 20 नवम्बर तक पंजीयन करने और 21 से ग्राम पंचायत स्तर पर होने वाले आयोजन के पूर्व मुनादी कराने के निर्देश दिए। जिपं सीईओ ने मत्स्य विभाग एवं जनपद पंचायत सीईओ से कहा कि वे शासकीय तालाबों को पट्टे पर देकर मछली पालन का कार्य कराएं, जिससे गांव में मछुवारों को आमदनी हो सके और इससे ग्राम पंचायत को भी राजस्व प्राप्त हो। उन्होंने क्वांटिफाइबल डाटा का सुपरवाइजरवार, 15 वें वित्त ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत की समीक्षा की गई। बैठक में विभागीय जिला एवं जनपद पंचायत अधिकारी, कर्मचारी मौजूद रहे।
गोठान में नियमित हो गोबर की खरीदी
जिपं सीईओ ने सुराजी गांव योजना के अंतर्गत बनाए गए गोठान की सिलसिलेवार जानकारी ली। उन्होंने कहा कि जो गोठान स्वीकृत किये गये हैं, उनका कार्य प्रारंभ किया जाए और चल रहे कार्यों को पूर्ण करते हुए गोधन न्याय योजना से जोड़कर गोबर की खरीदी कराई जाए। उन्होंने कहा कि गोठान में प्रतिदिन गोबर की खरीदी करते हुए ऑनलाइन एप के माध्यम से एंट्री की जाए। इसके अलावा गांव में गोपालकों का पंजीयन, गोधन न्याय योजना में जोड़ने के लिए गोठान का पंजीयन सचिव एवं कृषि विभाग एआरईओ के माध्यम से कराया जाए। उन्होंने कहा कि रवि फसल के लिए जैविक खाद की आवश्यकता होगी, इसलिए गोबर खरीदी के बाद वर्मी कम्पोस्ट खाद तैयार की जाए और किसानों को फसलों के लिए खाद को उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि गोठान से आजीविका संवर्धन की दिशा में बेहतर कार्य करने के लिए जरूरी है कि स्व सहायता समूह की महिलाओं को नियमित रूप से गोठान में गतिविधियों का संचालन कराया जाए। गौमूत्र की नियमित रूप से खरीदी की जाए एवं प्रत्येक जनपद पंचायत में एक गोठान में गौमूत्र खरीदने की शुरूआत की जाए।

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