छत्तीसगढ़

ऋणी एवं अऋणी कृषक 15 दिसम्बर तक उद्यानिकी फसलों के लिए करा सकते है बीमा

रायगढ़, नवम्बर 2022/ उद्यानिकी फसल उत्पादन कर रहे कृषक जो रबी फसल हेतु टमाटर, बैगन, फूलगोभी, प्याज एवं आलू के लिए वर्ष 2022-23 अंतर्गत पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के लिए शासन की अधिसूचना के साथ छत्तीसगढ़ में लागू हो गयी है। इच्छुक ऋणी/अऋणी कृषक 15 दिसम्बर 2022 तक लोक सेवा केन्द्र, बैंक शाखा, सहकारी समिति या बीमा कंपनी बजाज एलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी के प्रतिनिधि से संपर्क कर अपने उद्यानिकी फसलों का बीमा करवा सकते है। इस हेतु बीमा कंपनी के राज्य स्तरीय प्रतिनिधि श्री अमीर खुरशिव मोबाईल नंबर 9910946528 एवं जिला स्तरीय प्रतिनिधि श्री दुष्यंत यादव मोबाइल नंबर 9399863741 से संपर्क कर सकते है।
सहायक संचालक उद्यान, रायगढ़ ने जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना में सभी अऋणी कृषक (भूधारक एवं बटाईदार)जो इस योजना में शामिल होने के ईच्छुक है, ऐसे कृषकों को घोषणा पत्र के साथ फसल बुआई प्रमाण-पत्र अथवा प्रस्तावित फसल बोने के आशय का स्वघोषणा पत्र सहित संबंधित अन्य अनिवार्य दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा। चयनित उद्यानिकी फसलों का बीमा कराये जाने के लिए किसानों को उन फसलों के लिए निर्धारित ऋणमान का 5 प्रतिशत प्रीमियम राशि के रूप में देना होगा, शेष प्रीमियम की राशि 50-50 प्रतिशत राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार द्वारा दिया जाएगा।
ऋणी कृषक जो योजना में शामिल नहीं होना चाहते है, उन्हें भारत सरकार द्वारा जारी चयन प्रपत्रानुसार हस्ताक्षरित घोषणा पत्र बीमा आवेदन की अंतिम तिथि 7 दिवस पूर्व तक संबंधित वित्तीय संस्थान में अनिवार्य रूप से जमा करना होगा। निर्धारित समय-सीमा में हस्ताक्षरित घोषणा पत्र जमा नहीं करने पर संबंधित बैंक द्वारा संबंधित मौसम (खरीफ)के लिए स्वीकृत/नवीनीकृत की गई अल्पकालीन कृषि ऋण को अनिवार्य रूप से बीमाकृत किया जाएगा।
किसानों को विभिन्न मौसमी जोखिम जैसे-तापमान (कम या अधिक तापमान), वर्षा-(कम अधिक या बेमौसम वर्षा), बीमारी अनुकूल मौसम (कीट एवं व्याधि), ओला वृष्टि एवं चक्रवाती हवाएं, हवा की गति से फसलों को होने वाले क्षति से फसल बीमा का नियमानुसार लाभ प्राप्त होगा। रबी मौसम के टमाटर, बैगन, फूलगोभी, पत्तागोभी, प्याज एवं आलू फसल हेतु ओलावृष्टि हवाएं की स्थिति में कृषक इसकी सूचना सीधे बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर 1800-209-5959 पर या लिखित रूप में 72 घंटे के भीतर संंबंधित बैंक, स्थानीय राजस्व/उद्यानिकी/कृषि अधिकारी अथवा जिला उद्यान अधिकारी को बीमित फसल के ब्यौरे, क्षति की मात्रा तथा क्षति का कारण सहित सूचित करेगा। संबंधित संस्था/विभाग 48 घंटा के भीतर कृषकों से प्राप्त जानकारी (बीमित फसल के ब्यौरे, क्षति की मात्रा तथा क्षति के कारण सहित)बीमा कंपनी को प्रदान करेंगे। बीमा कंपनी द्वारा जिले में 42 स्थानों पर स्वचलित मौसम स्टेशन स्थापित किया गया है, जिससे प्राप्त मौसम संबंधी आंकड़ों के आधार पर ही बीमा दावा का भुगतान किया जाता है। कृषक द्वारा लगाये गये फसल का केवल एक बार ही बीमा आच्छादन का लाभ ले सकता है। एक रकबे को एक से अधिक बार बीमा होने की स्थिति में बीमा कंपनी द्वारा ऐसे सभी दावों को निरस्त कर दिया जाएगा।

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