छत्तीसगढ़

मां की ममता से महरूम कुपोषित जुड़वा बहनों को मिला सुपोषण तुंहर द्वार का दुलार

अम्बिकापुर, जनवरी 2023/ छः माह की दुधमुंही जुड़वा बहनों को मां के द्वारा  पिता के पास छोड़कर चले जाने से दोनों बहनें मां की ममता से महरूम हो गई। जन्म से ही वजन कम होने तथा मां से अलग होने के बाद दोनों बहने कुपोषण के चक्र में फंस गई एवं  स्थिति और गम्भीर हो गई। इस स्थिति में पोषण पुनर्वास केंद्र, मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना व पोषण तुंहर द्वार कार्यक्रम के द्वारा दोनों बच्चियों को काफी मदद मिला जिससे अब धीरे-धीरे स्थिति सामान्य होने लगी है।
अम्बिकापुर जनपद के ग्राम रामनगर के बरपारा में एकल पहाड़ी कोरवा परिवार का मुखिया चेतन प्रसाद व उसकी पत्नी भगमनिया के घर अगस्त 2021 को प्राची व राशि जुड़वा बहनों का जन्म हुआ। दोनों का वजन क्रमश 1.7 व 2 किलोग्राम था। जन्म के छः माह बाद भगमनिया ने दोनों बच्चियों को चेतन के पास छोड़कर चली गई। दोनां बच्चियों की देख-भाल चेतन की पहली पत्नी करने लगी। दोनों बच्चियों के पंजीयन आंगनबाड़ी केंद्र बरपारा में किया गया था। छः माह पश्चात आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नीरा यादव ने इन बच्चियों के घर जाकर सुपोषण अभियान के तहत गरम भोजन और अंडा देने लगी। माता-पिता को परामर्श व गरम रखने के लिए कंगारू मदर केयर के लिए लगातार बताया गया। वर्तमान में सुपोषण योजना अंतर्गत पोषण तुंहर द्वार में प्रतिदिन पौष्टिक खिचड़ी और अण्डा टिफीन में भरकर दिया जा रहा है।  

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