छत्तीसगढ़

अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स कांफ्रेंस के आयोजन में शामिल हुए जिला पंचायत कबीरधाम के सदस्य गण

मिलेट्स (मोटा अनाज) के उत्पादन तथा उपयोग को बढ़ावा देने वर्ष 2023 अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित

कवर्धा, मार्च 2023। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स कॉन्फ्रेंस का आयोजन हुआ। जिला पंचायत से सभा कक्ष में वीडियों कांफ्रेसिंग के माध्यम से जिला पंचायत के सदस्य एवं पदाधिकारीगण जुड़े रहे। लोगों में मिलेट्स (मोटा अनाज) के उत्पादन तथा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया गया है। इसी तारतम्य में प्रधानमंत्री द्वारा निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जुड़कर संबोधित करते हुए मिलेट्स के फायदों को बताया गया। कार्यक्रम का प्रसारण आईएआरआई केंपस नई दिल्ली के माध्यम से किया गया है। प्रधानमंत्री के संबोधन को जिला पंचायत के सदस्यों एवं अधिकारियों ने सुना।
उल्लेखनीय है कि देश में छत्तीसगढ़ पहला राज्य है जहां मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर मिलेट्स के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य मिलेट्स हब के रूप में उभर रहा है। देश का सबसे बड़ा मिलेट्स प्रसंस्करण उद्योग छत्तीसगढ़ में स्थापित किया गया है। छत्तीसगढ़ देश का एक मात्र राज्य है जहां समर्थन मूल्य पर कोदो, कुटकी की 3000 रूपए और रागी की 3578 रूपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदी की जा रही है। इनके प्रसंस्करण और मार्केटिंग की व्यवस्था छत्तीसगढ़ सरकार ने की है।
ज्ञात हो की मिलेट्स उपयोग को बढ़ावा देने केंद्र एवं राज्य शासन बहुत से पहल कर रही है। केंद्रीय बजट 2023-24 में प्रधानमंत्री द्वारा मिलेट्स को श्रीअन्न के रूप में संबोधित किया था जिसका उल्लेख आज के कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने अपने उद्बोधन में किया। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री द्वारा मिलेट्स वर्ष के उपलक्ष्य में डाक टिकट एवं 75 रुपए का सिक्का जारी किया। स्वास्थ्य व पोषण के लिए मिलेट्स के फायदे पर संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा की भारत सरकार मिलेट्स को बढ़ावा देने संकल्पित है क्योंकि श्रीअन्न से समाज के सभी वर्ग को व्यपाक फायदा होगा। नई दिल्ली से कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री देश-विदेश के गणमान्य प्रतिनिधि गण एवं जिला पंचायत के अधिकारियों वा कर्मचारियों ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कार्यक्रम में जुड़े।

जिले के ग्राम पंचायतों में श्रीअन्न को बढ़ावा देने होंगे विभिन्न कार्यक्रम

मिलेट्स कॉन्फ्रेंस के संबंध में चर्चा करते हुए कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने बताया की मिलेट्स का उपयोग प्रत्येक व्यक्तिओ के लिए लाभदायक है। ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी क्षेत्रों तक इसके फायदों को पहुँचने विभिन्न प्रयास किया जाएगा। छत्तीसगढ़ शासन भी मिलेट्स को बढ़ावा देने प्रयासरत है जिससे की इसके उत्पादन और उभोग को प्रोत्साहित कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सके। उन्होंने बताया की स्कूलों में मध्यान भोजन आंगनबाड़ी केंद्रों सहित अन्य कार्यक्रमों में मिलेट्स को शामिल करने आह्ववान किया गया है। मिलेट्स के फायदे और इसके बढ़ते प्रभाव से आज पूरा विश्व परिचित हो रहा है जो हमारे लिए खुशी की बात है।
मिलेट्स कॉन्फ्रेंस के संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री संदीप कुमार अग्रवाल ने बताया कि वर्ष 2023 को अंतर्राट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाया जाना है। इसी क्रम में 20 मार्च से 25 मार्च तक मिलेट्स सप्ताह का आयोजन जिले के सभी ग्राम पंचायतों में किया जाएगा। जिसमें महिला सभा/बाल सभा का आयोजन करते हुए मिलेट्स के महत्व को आम जनता तक पहुंचाने का कार्य किया जाएगा।

लघु-धान्य-फसलों के वैल्यू एडीशन से स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर निर्मित होंगे

कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने बताया कि लघु धान्य फसलों की खरीदी लघु वनोपज सहकारी संघ की वन-धन समितियों के माध्यम से किया जाएगा। जहा कोदो को 3000 रूपए, कुटकी को 3100 रूपए एवं रागी को 3578 रूपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदी किया जाएगा। इन फसलों की प्रोसेसिंग करके इनका उपयोग मध्यान्ह भोजन, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, पोषण आहार कार्यक्रम जैसी योजनाओं में होगा। उन्होंने बताया कि मिलेट मिशन के अंतर्गत कोदो-कुटकी और रागी की फसल लेने वाले किसानों को 9 हजार रूपए प्रति एकड़ तथा धान के बदले कोदो-कुटकी और रागी लेने पर 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से राजीव गाँधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत पंजीयन कराने पर आदान सहायता दी जाएगी। लघु-धान्य-फसलों के वैल्यू एडीशन से स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर निर्मित होंगे। जिले के विकासखण्ड बोड़ला एवं पंडरिया में दो प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित हो चुकी है, जिसके माध्यम से स्व सहायता समूहों को इससे रोजगार मिल रहा है।

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