जनप्रतिनिधि, अधिकारियों ने बोरे-बासी खाकर श्रमिकों के प्रति जताया सम्मान
बिलासपुर, 01 मई 2023/अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर आज यहां बिलासपुर जिले में बोरे-बासी तिहार उत्साह के साथ मनाया गया। आम और खास सभी लोगों ने इस अवसर पर बोरे-बासी का सेवन कर श्रमिकों के साथ एकजुटता दिखाई और उनका सम्मान किया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के आव्हान पर श्रमिकों के सम्मान में आयोजित बोरे-बासी तिहार को लेकर जिले के नगरीय क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी उत्साह का माहौल देखा गया। आज नगर निगम के मोपका गोठान में महापौर श्री रामशरण यादव, कमिश्नर डॉ. संजय अलंग, आईजी श्री बी.एन.मीणा, कलेक्टर श्री सौरभ कुमार और एसपी श्री संतोष कुमार सिंह ने श्रमिकों और समूह की दीदियों के साथ सामूहिक रूप से छत्तीसगढ़िया संस्कृति के प्रमुख आहार बोरे-बासी का आनंद लिया।
संसदीय सचिव श्रीमती रश्मि आशीष सिंह ने भी मेहनतकश श्रमवीरों के सम्मान में बोरे-बासी का सेवन किया। उन्होंने इस अवसर पर श्रमिकों को बधाई और शुभकामनाएं दी। श्रीमती सिंह ने कहा कि बोरे-बासी सम्पूर्ण भोजन है। यह स्वास्थ्यवर्द्धक होता है। स्व. लखीराम ऑडिटोरियम में महापौर श्री रामशरण यादव ने सफाई कामगारों के साथ बोरे-बासी का सामूहिक सेवन किया। उन्होंने कहा कि वास्तव में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ की संस्कृति, रीति-रिवाज और खानपान को सहेजने का कार्य किया जा रहा है। इस दौरान जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री प्रमोद नायक, अरपा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री अभय नारायण राय सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी बोरे-बासी का लुत्फ उठाया। जिला पंचायत अध्यक्ष श्री अरूण सिंह चौहान ने भी बोरे-बासी का स्वाद लिया। बिलासपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र गहवई ने भी बोरे-बासी खाकर अपने दिन की शुरूआत की।
श्रमिक सदन में हजारों श्रमिकों ने मनाया बोरे-बासी तिहार –
बृहस्पति बाजार के समीप स्थित श्रमिक सदन में आज हजारों मेहनतकश श्रमिक बोरे-बासी तिहार में शामिल हुए। इस अवसर पर सभी ने बड़े उत्साह के साथ मिलकर बोरे-बासी का आनंद लिया। नगर पंचायतों में बोरे-बासी तिहार को लेकर उत्साह देखा गया।
ग्रामीणों ने भी लिया बोरे-बासी का आनंद –
ग्रामीण क्षेत्रों में भी ग्रामीणों ने बोरे-बासी का आनंद लिया। बिल्हा ब्लॉक के ग्राम धौरामुड़ा, तखतपुर के बेलपान, मस्तूरी के बेलटुकरी और कोटा ब्लॉक के करगीकला में सामूहिक रूप से बोरे-बासी का ग्रामीणों ने सेवन किया। सभी ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति से जुड़े खान-पान और व्यंजनों की पहचान बोरे-बासी के साथ टमाटर और आम की चटनी, चेचभाजी, प्याज और मिर्ची का स्वाद लिया।