जल स्रोतों की सफाई तथा ओआरएस का किया जा रहा है वितरण
बलौदाबाजार,20 जून 2023/बरसात आने वाली है ऐसे में इस मौसम में विभिन्न प्रकार की मौसम जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए राज्य शासन द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुरूप बलौदाबाजार भाटापारा जिले में भी इस संबंध में तैयारी की गई है। इसी कड़ी में जिले में 20 जून से 4 जुलाई तक गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा मनाया जा रहा है। उक्त संबंध में जानकारी देते हुए जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एम पी महिस्वर ने बताया की डायरिया पाचन से संबंधित एक बीमारी है। जिसमें व्यक्ति को दस्त आना शुरू हो जाते हैं। यह दूषित पानी और भोजन के सेवन से होता है। डायरिया में व्यक्ति को लगातार दस्त आते हैं जो यदि ठीक न हो तो निर्जलीकरण का कारण बन सकते हैं जिससे जान का खतरा हो सकता है। कुपोषित लोगों, शिशुओं, छोटे बच्चों, और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों में इस तरह के खतरनाक संक्रमण का शिकार होने का खतरा अधिक होता है। डायरिया के कुछ लक्षण हैं। पतला दस्त,पेट में ऐंठन या ऐंठन होना,मतली और उल्टी, बुखार, निर्जलीकरण,भूख में कमी। जिले में डायरिया के किसी भी संक्रमण के प्रसार को रोकने हेतु जमीनी स्तर पर स्वास्थ विभाग द्वारा कार्य किए जा रहे हैं इसमें स्वास्थ्य कार्यकर्ता तथा मितानिनों को डायरिया प्रबंधन हेतु प्रशिक्षण दिया गया है। साथ ही गांव स्तर पर प्रचार-प्रसार के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है । इसके अंतर्गत स्वच्छता की उपयोगिता एवं तैयारी के साथ ही विद्यार्थियों के बीच जागरूकता हेतु कार्यशाला आयोजित की जाएगी है।क्योंकि डायरिया में निर्जलीकरण से बचाव अत्यंत आवश्यक है इसे ध्यान में रखते हुए गांव में ऐसे घर जहां 5 वर्ष से कम के बच्चे निवासरत हैं वहां मितानिनों के माध्यम से ओ आर एस के पैकेट वितरित करवाए जा रहे हैं । साथ ही जल स्रोतों की सफाई के साथ-साथ स्वच्छता बाबत क्लोरीन टेबलेट का भी वितरण किया जा रहा है। उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों जैसे ईट भट्ठा खानाबदोश स्थल बाढ़ प्रवण क्षेत्र प्रवासी मजदूर सड़क पर रहने वाले बच्चे मलिन बस्ती आदि जगहों पर भी ओ आर एस की पूर्व उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है ल। स्कूल खुलने पर बच्चों को हाथ धुलवाने हेतु भी प्रशिक्षित किया जाएगा। जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में ओ आर एस एवं जिंक हेतु विशेष कॉर्नर बनाए गए हैं जहां यह निशुल्क उपलब्ध हैं इस संबंध में निजी चिकित्सालयों को भी ऐसे कॉर्नर बनाने के निर्देश दिए गए हैं । ट्रीटमेंट प्रोटोकोल को छपवा कर स्वास्थ्य केंद्रों में लगवाने के भी निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही जिला सहित प्रत्येक विकासखंड में एक रैपिड रिस्पांस टीम का भी गठन किया गया है जो डायरिया के किसी भी प्रकरण की सूचना मिलने पर त्वरित रूप से कार्यवाही करती है।