राजनांदगांव 12 जुलाई 2023। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रावधानानुसार कृषकों को फसल उत्पादन में क्षति के अतिरिक्त बुआई नहीं हो पाने, रोपण बाधित होने, मौसम प्रतिकूलताओं के कारण नुकसान, स्थानीय आपदाओं की स्थिति होने पर कृषकों को संबल प्रदान करने के उद्देश्य से फसल बीमा योजना लागू की गयी है। इस योजना के तहत शासन द्वारा कृषकों की फसल खराब होने पर उन्हें बीमा कवर प्रदान किया जाता है, यानि फसल खराब होने पर बीमा दावा राशि कृषकों को प्रदाय की जाती हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक आपदा से हुये फसल नुकसान पर पीडि़त कृषकों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, ताकि कृषकों को नवीन और आधुनिक कृषि पद्धति अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके और कृषकों की आय को स्थिर एवं उनकी खेती में निरंतरता सुनिश्चित हो सके। इस योजना के तहत शासन द्वारा कृषकों को फसलों के नुकसान पर अलग-अलग धन राशि प्रदान की जाती है। अंतिम भुगतान हेतु दावा गणना आयुक्त भू-अभिलेख छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अधिसूचित क्षेत्र एवं अधिसूचित फसलों के लिए निर्धारित न्यूनतम अनिवार्य संख्या में किये गये फसल कटाई प्रयोग से प्राप्त औसत उपज के आकड़ों के आधार पर की जाती है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत जिले के ग्रामों में कृषकों को फसल बीमा कराने एवं दावा राशि के भुगतान के संबंध में समस्या का सामना करना पड़ रहा है, जहां एक ही नाम के दो-दो गांव है। इस संबंध में जिला कृषि कार्यालय एवं बैंकों द्वारा कुछ बीमा इकाई ग्राम की सूची दी गई है, जिसमें कृषकों की जानकारी भूईयां पोर्टल एवं एनसीआईसी पोर्टल में राजस्व निरीक्षक केन्द्र परिवर्तन होने से पोर्टल में तकनीकी व हेरार की समस्या के कारण से दर्ज नहीं हो सकी है। साथ ही जिले में ऐसे ग्राम भी है, जिनके लैण्ड रिकार्ड की जानकारी को राजस्व निरीक्षण मंडल नाम से विभाजित किया गया है। जिससे डिजिटल भू-अभिलेख डाटा बेस में एक ग्राम कई बार अलग-अलग ग्राम के रूप में प्रदर्शित हो रहे है, जबकि राष्ट्रीय बीमा पोर्टल में एक ही बार प्रदर्शित हो रहे हंै। इस कारण से ग्रामों के कृषकों को बीमा दावा भुगतान करने में कठिनाई उत्पन्न हो रही है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना मौसम खरीफ एवं रबी 2022-23 अंतर्गत जिला कृषि कार्यालय एवं विभिन्न बैंकों द्वारा उपलब्ध कराये गये ग्रामों की सूची अनुसार राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल का राजस्व एवं भू-अभिलेख विभाग के भुंईया पोर्टल से लैंड रिकार्ड इंटिग्रेशन होने के कारण तकनीकी समस्या उत्पन्न होने से राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल में कृषकों की प्रविष्टि में बाधा आ रही हैं। क्षेत्रीय प्रबंधक एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इण्डिया लिमिटेड रायपुर द्वारा जानकारी दी गई है कि शासन के निर्देशानुसार कथित तौर पर यह निर्देश दिया गया है कि फसल बीमा पोर्टल के वालेट में जमा प्रीमियम राशि संबंधित बैंकों को न लौटाया जाए, ताकि पोर्टल पुन: खुलने पर छूटे हुए किसानों की जानकारी इंद्राज की जा सके। इस परिपेक्ष्य में राज्य स्तर पर कृषि विभाग भू-अभिलेख एवं राष्ट्रीय सूचना एवं विज्ञान केन्द्र स्तर पर एनसीआईपी पोर्टल में प्रविष्टि हेतु लंबित ग्रामों के कृषकों को बीमा आवरण में शामिल कर प्रकरणों का समाधान करने की कार्रवाई निरंतर की जा रही है।