छत्तीसगढ़

शहीदों के जीवन से न केवल प्रेरणा लें, बल्कि उनके जीवन के मूल्यों को आत्मसात भी करें – कलेक्टर

देश की रक्षा एवं सुरक्षा के लिए दिए गए बलिदान को कभी भुलाया नहीं जाएगा – एसपी

कलेक्टर और एसपी ने ग्राम पंडरभट्ठा में 22वें शहादत दिवस पर पुष्प चक्र अर्पित कर वीर शहीद धनंजय सिंह राजपूत को दी श्रद्धाजंली

मुंगेली, जुलाई 2023// कलेक्टर श्री राहुल देव ने पुलिस अधीक्षक श्री चन्द्रमोहन सिंह के साथ आज विकासखण्ड मुंगेली के ग्राम पण्डरभट्ठा में वीर शहीद धनंजय सिंह राजपूत के 22वें शहादत दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने वहां स्थापित वीर शहीद धनंजय सिंह राजपूत की प्रतिमा के समक्ष पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें विनम्र श्रद्धांजली दी और देश की सेवा के लिए उनकी शहादत को नमन किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कलेक्टर ने कहा कि शहीदों के जीवन से हमें न केवल प्रेरणा लेना चाहिए, बल्कि उनके जीवन के मूल्यों को समझना चाहिए तथा आत्मसात करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिले के एक छोटे से गांव पंडरभट्ठा में पैदा हुआ बच्चा आगे चलकर देश की सेवा के लिए न्यौछावर हो जाता है। यह परिवार और जिले के लिए गर्व की बात है। देश की सेवा के लिए यदि कोई सर्वोच्च बलिदान देता है, तो वो हमारे सैनिक ही हैं और ऐसे वीर सैनिक को लाख बार भी नमन करें, तो कम है।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि वीर सपूत शहीद धनंजय सिंह राजपूत को याद करने के साथ-साथ उनके जीवन से हमें प्रेरणा लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिकों को अपने कार्य के साथ देश को आगे बढ़ाने का संकल्प लेना चाहिए और हमारे हर कृत्य देश की सेवा में समर्पित होना चाहिए। कार्यक्रम के समापन में कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने वीर शहीद धनंजय सिंह राजपूत के परिवारजन को शाल व श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया। स्वागत भाषण कल्याण संयोजक जिला सैनिक बोर्ड बिलासपुर श्री शिवेन्द्र पाण्डेय ने दिया। वहीं आगंतुकों के प्रति पूर्व सैनिक संगठन मुंगेली के अध्यक्ष श्री त्रिभुवन यादव ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री विजेन्द्र पाटले, भूतपूर्व सैनिकगण सहित छात्र-छात्राएं और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन मौजूद थे।

कौन है वीर शहीद धनंजय सिंह

      सैनिक संगठन मुंगेली के पूर्व अध्यक्ष श्री संदीप साहू ने बताया कि वीर शहीद धनंजय सिंह राजपूत का जन्म 15 सितम्बर 1975 को मुंगेली विकासखण्ड के ग्राम पंडरभट्ठा में हुआ था। वे 30 सितम्बर 1993 को भारतीय थल सेना में भर्ती होकर अहमद नगर में प्रशिक्षण के पश्चात 64 केवलरी यूनिट अम्बाला में पलटन में कदम रखा, फिर पटियाला सूरतगढ़ होते हुए 24 आरआर कुपवाड़ा सेक्टर में पोस्टेड हुए। 16 जुलाई 2001 को लगभग 2.30 बजे रात में आतंकवादियों के कायरतापूर्ण हमले में 16 जवान शहीद हो गए, जिसमें वीर शहीद धनंजय सिंह राजपूत भी शामिल थे।

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