रायगढ़, मई 2024/ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.बी.के.चंद्रवंशी ने लोगों को लू से बचाव के लिए सतर्कता बरतने एवं प्रारंभिक उपचार के बारे में जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि घर पर भी प्रारंभिक उपचार की जा सकती है, जैसे तेज बुखार आने पर सिर में ठंडे पानी की पट्टी लगाएं, पानी व तरल पदार्थ अधिक लें, फिर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। लू के मरीजों के लिए उपचार की पर्याप्त व्यवस्था है। सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में ओरल रिहाईड्रेशन थेरेपी कार्नर की स्थापना की गई है। उन्होंने लू के लक्षण के बारे में बताया कि तेज बुखार, चक्कर आना, सिरदर्द एवं भारीपन, उल्टी आना, मुंह सूखना, शरीर में पसीना न आना, भूख कम लगना, कमजोरी के साथ शरीर में दर्द होना, पेशाब कम एवं पीला आना आदि लू के प्रारंभिक लक्षण होते हैं। लू के लक्षण, बचाव व उपचार की जानकारी रहने एवं सावधानी रखने से काफी हद तक लू के चपेट से बचा जा सकता है।
लू लगने का प्रमुख कारण तेज धूप व शरीर में पानी की कमी है। सामान्यत: दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक धूप तेज होती है इस दौरान संभव हो सके तो धूप में जाने से बचे। धूप में जाना आवश्यक हो तो सिर और कानों को कॉटन (सूती) के कपड़े से अच्छी तरह ढंक लें और पानी अधिक मात्रा में पियें। खाने में फल, जूस, दही एवं अन्य तरल पदार्थों को अधिक से अधिक मात्रा में शामिल करें। अघिक पानी की मात्रा वाले मौसमी फल और सब्जियां खांए जैसे-तरबूज, खरबूजा, संतरा, अंगूर, अनानास, ककड़ी, खीरा, सलाद या अन्य स्थानीय रूप से उपलब्ध फल और सब्जियों का सेवन अधिक से अधिक करें। अत: स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी इस सलाह को पूरी जिम्मेदारी के साथ इन उपायों को अपनाए व लू से अपने अपने घरवालों को संपूर्ण रूप से सुरक्षित रखें।