छत्तीसगढ़

तिलहन फसलों का कृषि वैज्ञानिकों ने किया निरीक्षण

सुकमा, नवंबर 2024/sns/ इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय,रायपुर कृषि विज्ञान केन्द्र सुकमा द्वारा नेशनल फूड सिक्योरिटी मिशन अंतर्गत समुह अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन के तहत् सुकमा जिले में तिलहनी फसलों का प्रदर्शन लगाया गया हैं। केन्द्र के समुह अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन के प्रभारी पौध रोग विशेषज्ञ श्री राजेन्द्र प्रसाद कश्यप, कृषि अभियांत्रिकी विशेषज्ञ डॉ.परमानंद साहू ने बताया कि सुकमा जिले में तिलहनी फसलों की रकबा द्वारा अपने  विस्तार हेतु तिल का 50 हेक्टेयर में किसानों के खेत में प्रदर्शन लगाया गया है। जिसका उपयोग किसान द्वारा इसका घरेलू उपयोग के साथ-साथ इसे बाजार में बिक्री कर आमदनी बढ़ाया जा सके। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर से आये वैज्ञानिक डॉ.जी.पी.आयाम, डॉ.एन.सी.मंडावी एवं डॉ.एन.नाग ने छिन्दगढ़ विकासखण्ड़ के गांव धोबनपाल में 50 एकड़ में प्रदर्शित तिल फसल का अवलोकन किये एवं कृषकों से सीधे संवाद भी किये।
कृषकों द्वारा फसल उत्पादन का बढ़ावार हेतु सवाल किये जिसमें डॉ.आयाम ने बताया कि तिल की फसलों में डीएपी के बजाय सिंगल सुपर फास्फेट का उपयोग करें जिससे अधिक उपज प्राप्त होवे। किसानों को सुझाया कि कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों का सलाह माने और अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करें। फसल निरीक्षण के दौरान डॉ.मंडावी ने किसानों को सलाह दी कि वे तिलहन फसल में मूंगफली की फसल को भी शामिल करें। चूंकि यहां की मिट्टी मंूगफली के लिए उपयुक्त है जिसका बाजार मुल्य भी बाकि तिलहन फसलों की अपेक्षा अधिक प्राप्त होता हैं जिससे किसानों की आमदनी में अपेक्षाकृत बढ़ोत्तरी हो सके।

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