छत्तीसगढ़

दिव्यांग दिवस के अवसर पर न्यायाधीशगण बच्चों के साथ हुये रूबरू


रायगढ़, दिसम्बर 2024/sns/अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष श्री जितेन्द्र कुमार जैन के मार्गदर्शन में उत्तम मेमोरियल कॉलेज एवं नई उम्मीद (घरौंदा) में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
           इस अवसर पर चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश श्री विरेन्द्र ने बच्चों को समझाते हुए कहा कि स्मार्ट फोन और इंटरनेट के द्वारा साइबर क्राइम दुनियाभर में व्याप्त है साइबर अपराध और सुरक्षा के बारे में जानना बेहद जरूरी है सभी छात्रों को इस अपराध के विषय में जानकारी होनी चाहिए साथ ही बच्चों को यह भी जानकारी दी गई कि मोबाईल फोन के अत्यधिक इस्तेमाल से शारीरिक, मानसिक और कभी-कभी आर्थिक नुकसान भी हो सकता है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री देवेन्द्र साहू ने शिक्षा की अनिवार्यता के विषय में बताते हुए कहा कि शिक्षा एक प्रक्रिया है जहाँ ज्ञान, कौशल और आदतें एक पीढ़ी से दूसरे पीढ़ी तक जाती है। शिक्षा मनुष्य के विकास के लिए आवश्यक है शिक्षा व्यक्ति के जीवन को बेहतर बनाता है, आगे टोन्ही प्रताडऩा अधिनियम के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि किसी व्यक्ति को टोन्ही उच्चारित कर उसे प्रताडि़त करना और उसके मानसिक, शारीरिक, व ख्याति को नुकसान पहुंचाना यह सभी अपराध की श्रेणी में रखा गया है। श्री सौरभ बारा तृतीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग 2 के द्वारा बताया गया कि समाज और विकास के हर स्तर पर दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों और कल्याण को बढ़ावा देने और राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन के सभी पहलुओं में दिव्यांग व्यक्तियों की स्थिति के बारे में जागरूकता होनी चाहिये। उन्होनें यह भी बताया कि आज समाज में दिव्यांग व्यक्तियों से लोग दूर भागते हैं जबकि हमें उनके प्रति स्नेह का भाव रखना चाहिए। इस शिविर में नालसा की योजनाओं के साथ नि:शुल्क विधिक सहायता, नालसा हेल्पलाइन नंबर-15100 तथा 14 दिसम्बर 2024 को होने वाली आगामी नेशनल लोक अदालत की भी जानकारी दी गयी। इस अवसर पर प्रधानाचार्य डॉ.गोमती सिंह सहित कालेज के अन्य स्टॉफ उपस्थित रहे।

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