रायगढ़ मार्च 2025/sns/ राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देशानुसार 08 मार्च 2025 को रायगढ़ जिले में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। आयोजित उक्त नेशनल लोक अदालत के अवसर पर सर्वप्रथम श्री जितेन्द्र कुमार जैन प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने जिला मुख्यालय रायगढ़ के न्यायालयीन परिसर में मॉ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष द्वीप प्रज्जवलित कर नेशनल लोक अदालत के आयोजन का शुभारम्भ किया।
उक्त कार्यक्रम में प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय सहित समस्त अपर जिला एवं स़त्र न्यायाधीश, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट तथा अन्य समस्त मजिस्ट्रेट, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं जिला अधिवक्ता संघ रायगढ के अध्यक्ष श्री लालमणी त्रिपाठी एवं अन्य अधिवक्तागण, बैंक एवं विद्युत सहित अन्य विभागों के उपस्थित अधिकारीगण तथा राजीनामा के लिए उपस्थित पक्षकारगण, न्यायालयीन कर्मचारीगण एवं विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारीगण, विधि महाविद्यालय के छात्र-छात्राएँ, पैरालीगल वालिंटियर्स उपस्थित रहे।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री जितेन्द्र कुमार जैन द्वारा संस्कृत के श्लोक ”नारी रत्नसमं रत्नं, न भूतो न भविष्यति”- अर्थात, स्त्री के समान कोई रत्न न भूतकाल में था, न भविष्य में होगा के माध्यम से अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के कार्यक्रम का शुभारंभ किया और उनके द्वारा उक्त दिवस के अनुक्रम में जिला न्यायालय की समस्त तृतीय एवं चतुर्थ महिला कर्मचारीगण, महिला अधिवक्तागण एवं महिला पैरालीगल वॉलिन्टियर्स को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं न्यायालयीन परिसर स्थित बैंक ऑफ कामर्स के संयुक्त तत्वाधान से नारी सम्मान कार्यक्रम के तहत पुष्पगुच्छ एवं स्मृतिचिन्ह भेंट कर उनके सामाजिक पारिवारिक एवं न्यायिक क्षेत्र में दी गई भागीदारी का सम्मान किया। माननीय न्यायाधीश ने समस्त जिले, प्रदेश एवं देश को उक्त दिवस की हार्दिक बधाईयां देकर कहा कि नारी ईश्वरीय शक्ति का हम पर ऐसा आर्शीवाद है जिनका प्रेम, स्नेह, मातृत्व एवं आशीष हमे अंनत काल तक प्राप्त होता रहेगा।
माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायगढ श्री जितेन्द्र कुमार जैन के मार्गदर्शन में जिले में पहली बार नेशनल लोक अदालत में विभिन्न विधि विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने नेशनल लोक अदालत में भाग लिया और उनके द्वारा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती अंकिता मुदलियार के निर्देशन में हेल्प डेस्क के माध्यम से राजीनामा करने हेतु आए पक्षकारों को अभूत-पूर्व सहयोग प्रदान किया गया।
नेशनल लोक अदालत के माध्यम से राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं छत्तीसगढ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की समस्त योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का ऐतिहासिक कदम उठाया गया- माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायगढ श्री जितेन्द्र कुमार जैन के मार्गदर्शन में जिले में पहली बार नेशनल लोक अदालत में नालसा तथा सालसा की विभिन्न योजनाओ का न्यायिक द्वार तैयार किया गया जहां पर पैरालीगल वॉलिन्टियर को सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती अंकिता मुदलियार द्वारा नियुक्त किया गया जिनके द्वारा लोक अदालत में उपस्थित हो रहे शिक्षित वर्ग एवं ऐसे वर्ग जिन तक योजनाओं की जानकारी नहीं पहुंच पाती है, उन तक योजनाओं को सरल एवं सुगम माध्यम से उपलब्ध कराया गया।
वरिष्ठजनों के प्री-लिटिगेशन प्रकरणों के त्वरित निराकरण कराने हेतु माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायगढ श्री जितेन्द्र कुमार जैन पहुंचे विद्युत एवं बैंक इत्यादि संस्थाओं के काउण्टर के पास-छत्तीसगढ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर द्वारा करूणा-वरिष्ठजनों को निशुल्क विधिक सहायता योजना का संचालन पूरे राज्य में किया जा रहा है जिसका सजीव उदाहरण जिले की न्याय पालिका के मुखिया के द्वारा दिया गया और उनके द्वारा वरिष्ठजनों के प्री-लिटिगेशन के मामलों में विभिन्न संस्थाओं के काउण्टरों में जाकर उनके प्रकरण तुरंत निराकृत करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये गये।
आयु कभी भी पिंजरों में कैद होकर न्याय के द्वार को बन्द नहीं करती, क्योंकि न्याय की ज्योति हर पिंजरे की सलाखों को तोड़कर न्याय हर व्यक्ति तक पहुॅचा ही देती है- विदित है कि न्याय पालिका समग्र रूप से वरिष्ठजनों के मामलों में तत्परता रखते हुए निराकरण करने का प्रयास करती रही है इसी का उदाहरण आदरणीय श्री विरेन्द्र, चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की खण्डपीठ क्र0-6 द्वारा प्रस्तुत किया गया। उनकी खण्डपीठ में लंबित क्लेम प्रकरण में आवेदकगण वृद्ध हैं, जिनकी क्रमश: उम्र 71 एवं 67 हैं, जो बार-बार न्यायालय की नियत पेशी तिथि में आने-जाने में असमर्थ हैं, जिनमें उभयपक्षकारों के मध्य राजीनामा का प्रयास करते हुए, प्रकरण का निराकरण किया गया। अनावेदक क्रमांक- 3 बीमा कंपनी ने 14 लाख 75 हजार रूपये अदा किये, जिसके आधार पर राजीनामा से उक्त प्रकरण को समाप्त किया गया।
न्यायाधीश सुश्री प्रिया रजक खण्डपीठ क्र0- 11 ने पक्षकारों से कहा कि खून के रिश्तों की मिठास कभी खत्म नहीं हो सकती, इतना सुनकर एक ही परिवार के समस्त रिश्तेदारों ने आपस में किया राजीनामा- तहसील धरमजयगढ़ की खण्डपीठ क्र-21 सुश्री प्रिया रजक के न्यायालय में लम्बित दो परिवाद प्रकरणों, जिसमें उभयपक्षकार एक ही परिवार से संबंधित हैं, जिन्हें न्यायालय द्वारा लगातार समझाईश दी गई कि आपस में रिश्तेदार हैं, आपस में मिलकर रहने में ही उनकी भलाई है, जिस पर उभयपक्ष के द्वारा राजीनामा हेतु तैयार हुए और राजीनामा का आवेदन प्रस्तुत किए जाने पर प्रकरण को आज की नेशनल लोक अदालत में रखा गया तथा प्रस्तुत राजीनामा आवेदन पर निराकरण पश्चात् उक्त दोनों प्रकरणों को राजीनामा के आधार पर समाप्त किया गया।
मातृछाया से वंचित पुत्री को नेशनल लोक अदालत के माध्यम से पुन: न्यायाधीश के प्रयासों से मिला माता का आर्शीवाद -माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री जितेन्द्र कुमार जैन के समक्ष दावा प्रकरण जिसमें विवाह पश्चात पुत्री मातृत्व प्रेम की छाया से वंचित हो गई थी, उन्हें महिला दिवस के पावन अवसर पर, न्यायाधीश द्वारा प्रयास कर उन्हें एक कराकर पुत्री को मायके जाने का रास्ता प्रशस्त किया गया और इसके अतिरिक्त मृतक की पत्नी एवं संतानों को 10 लाख 50 हजार रूपये का मुआवजा भी बीमा कंपनी के माध्यम से प्रदान कराया गया । उक्त प्रकरण के निराकरण की चर्चा आज पूरे जिले में हो रही है कि कैसे अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर, न्यायाधीश ने अपनों के बीच छोटी बात पर पैदा हुई कड़वाहट को अमृतरूपी धारा के रूप में प्रवाहित कर दिया।
जिला एवं तहसील न्यायालयों में विभिन्न प्रकृति के राजीनामा योग्य मामले जैसे- मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण, बैंक वसूली के प्रकरण, आपराधिक मामले, विद्युत मामले, श्रम विवाद, पारिवारिक विवाद, चेक अनादरण, सिविल मामले के साथ-साथ आपदा प्रबन्धन अधिनियम 2005 एवं अन्य छोटे अपराधों के मामले, जिसमें यातायात उल्लंघन के मामलों को भी शामिल करते हुए, जिला मुख्यालय रायगढ़ एवं तहसील सारंगढ, घरघोडा, धरमजयगढ, खरसिया, भटगांव, बिलाईगढ के न्यायालयों में तथा श्रम न्यायालय एवं किशोर न्याय बोर्ड को मिलाकर कुल 26 खण्डपीठों का गठन किया गया। इसके अतिरिक्त रायगढ एवं सारंगढ़-बिलाईगढ़ के राजस्व न्यायालयों में भी खण्डपीठों का गठन किया गया। खण्डपीठों में लंबित प्रकरण 8665 एवं प्रीलिटिगेशन प्रकरण 584399 को राजीनामा के आधार पर निराकरण हेतु लोक अदालत में रखा गया। इस प्रकार रखे गये कुल 593064 प्रकरणों में से लंबित 7599 एवं प्रीलिटिगेशन 562711 प्रकरण निराकृत हुये। इस प्रकार कुल 570310 प्रकरणों का निराकरण, जिला न्यायालय, परिवार न्यायालय, श्रम न्यायालय, किशोर न्याय बोर्ड, उपभोक्ता फोरम रायगढ़ एवं तहसील स्थित ब्यवहार न्यायालय सारंगढ़, घरघोड़ा, धरमजयगढ़, खरसिया, बिलाईगढ़ व राजस्व न्यायालय में राजीनामा के आधार पर किया गया और उन प्रकरणा़ें के अंतर्गत कुल 11 करोड़ 46 लाख 25 हजार 228 रूपये का सेटलमेंट हुआ। राजस्व न्यायालयों में खातेदारों के मध्य आपसी बंटवारे के मामले, वारिसों के मध्य बंटवारे के मामले, कब्जे के आधार पर बंटवारा के मामले, दण्ड प्रक्रिया संहिता 145 के कार्यवाही के मामले, विक्रयपत्र/दानपत्र/वसीयतनामा के आधार पर नामान्तरण के मामले एवं शेष अन्य प्रकृति के कुल 555794 मामले रखे गये जिनमें से 552246 मामलों का निराकरण आज की लोक अदालत में राजस्व न्यायालयों की गठित खण्डपीठ द्वारा किया गया, जिसमें 22 लाख 96 हजार 577 रूपये का सेटलमेन्ट राशि पारित किया गया।
