CBI ने महादेव सट्टा घोटाले में 60 ठिकानों पर मारा छापा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ठिकानों पर भी कार्रवाई
रायपुर, 26 मार्च 2025: महादेव बुक ऑनलाइन सट्टेबाजी घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने आज छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल और दिल्ली सहित चार राज्यों में 60 ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके करीबी आई.पी.एस. अधिकारियों के ठिकानों पर भी छापे मारे गए।
CBI सूत्रों के मुताबिक, “महादेव बुक ऑनलाइन सट्टेबाजी घोटाले की जांच के तहत आज 60 स्थानों पर तलाशी ली गई है।”
सूत्रों ने बताया कि छापेमारी छत्तीसगढ़, भोपाल, कोलकाता और दिल्ली में की गई, जिसमें राजनेताओं, वरिष्ठ नौकरशाहों, पुलिस अधिकारियों, महादेव बुक के मुख्य पदाधिकारियों और अन्य निजी व्यक्तियों के ठिकाने शामिल हैं, जो इस घोटाले में संलिप्त हो सकते हैं।
इस मामले में महादेव बुक के प्रमोटर रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर का नाम सामने आया है, जो फिलहाल दुबई में रह रहे हैं। जांच में खुलासा हुआ है कि घोटालेबाजों ने सरकारी अधिकारियों को भारी रकम “प्रोटेक्शन मनी” के रूप में दी थी, ताकि उनका सट्टेबाजी नेटवर्क बिना किसी बाधा के चलता रहे।
इस घोटाले की शुरुआत रायपुर की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) में दर्ज मामले से हुई थी, जिसे बाद में राज्य सरकार ने CBI को ट्रांसफर कर दिया था। CBI ने जांच के दौरान डिजिटल और दस्तावेजी सबूत जब्त किए हैं।
आज की छापेमारी में CBI ने रायपुर के सिविल लाइंस स्थित पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सरकारी आवास और भिलाई स्थित उनके घर पर भी छापा मारा। इसके अलावा, बघेल के करीबी IPS अधिकारियों और सहयोगियों के ठिकानों पर भी कार्रवाई की गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, CBI ने पूर्व राज्य खुफिया प्रमुख आनंद छाबड़ा, वरिष्ठ IPS अधिकारी आरिफ शेख, प्रशांत अग्रवाल और अभिषेक पल्लव के परिसरों पर भी छापा मारा है।
CBI ने रायपुर में एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) के आवास पर भी छापा मारा, लेकिन दरवाजा बंद होने के कारण एजेंसी ने मुख्य द्वार को सील कर दिया।
गौरतलब है कि भूपेश बघेल वर्तमान में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के पंजाब प्रभारी महासचिव हैं। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 10 मार्च 2025 को बघेल के भिलाई स्थित आवास पर भी छापा मारा था। इस दौरान उनके बेटे चैतन्य बघेल की कथित शराब घोटाले में संलिप्तता को लेकर जांच की गई थी।
शराब घोटाले में बघेल सरकार के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और कई शीर्ष नौकरशाह पहले ही जेल में हैं और मुकदमे का सामना कर रहे हैं।