प्रयास प्रकाशन के तत्वाधान में श्री एम्.एल. बरसैंया कृत पारम्परिक लोकोतियों के महत्वपूर्ण संकलन पर आधारित पुस्तक “ चौपाल पे ठहाके” का विमोचन एवं सम्मान समारोह शहर के एक निजी हॉटल में सम्पन्न हुआ इस अवसर पर मुख्य अतिथि पूर्व अध्यक्ष राज भाषा आयोग डा. विनय कुमार पाठक ने कहा कि ज्ञान की दो परम्परायें हैं ‘सभ्यता और संस्कार’ है . जिससे उद्भासित लोकज्ञान का बहुत महत्त्व है. ये हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है. वर्त्तमान में विज्ञान एवं तकनीक के विकास के फलस्वरूप लोक संस्कृति का रूप तेजी बदलता जा रहा है.तत्पश्चात कार्यक्रम के अध्यक्षीय संबोधक प्रोफेसर रवि प्रकाश .पी. दुबे कुलपति डा. सी.वी. रमन विश्वविद्यलय, कोटा, बिलासपुर ने ७८ वर्षीय वरिष्ठ नागरिक ने लोकसंस्कृति के संरक्षण की दृष्टी से श्री बरसैया जी के स्रजनात्मक कार्य की सराहना करते हुए उसके महत्व को रेखांकित किया. उन्होंने आशा प्रकट की नयी शिक्षा नीति की अपेक्षा के अनुसार शिक्षा को सार्थकता बनाये रखने हेतु इसमें पारम्परिक शिक्षा का समावेश किया जाना अत्यंत आवश्यक है.
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि माननीय श्री श्याम लाल जी गुप्ता, समाज सेवी सचिव क्षेत्रीय गहोई समाज, भिलाई. अवकाश प्राप्त एस. ई ने कु. ओजस्वी ब्रिजपुरिया ने तैयार किया. डा. आर के. गंधी माननीय अध्यक्ष गहोई वैश्य समाज बिलासपुर, समाजसेवी श्री चंद्रकांत अंधारे जी अवकाश प्राप्त एस. ई. जल संसाधन विभाग, श्री सी .एम् मल्होत्रा, श्री श्याम लाल कनकने अवकाश प्राप्त एस. ई छ.ग.विदुत मंडल., श्री एन.के. गुप्ता अवकाशप्राप्त वित्तीय सलाहकार एस.ई. सी. एल. बिलासपुर. श्री पियूष. श्री नरेन्द्र नीखरा श्री प्रकाशन, श्री सिपोल्या जी, श्रीमती विनय ब्रिजपुरिया पूर्व महिला मंडल अध्यक्षा, श्रीमती बरसैया, श्रीमती राधा गुप्ता, श्री एल.एन. बिलैया नगर के अनेक गणमान्य नागरिक, साहित्यकार समाजसेवी संगठन उपस्थित रहे. कार्यक्रम का संचालन श्री विनोद नगरिया एवं आभार श्रीमती मीतू बरसैया के द्वारा किया गया.