सुकमा , नवम्बर 2021/ छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग रायपुर द्वारा नगर पंचायत कोण्टा आम निर्वाचन-2021 के लिए कार्यक्रम जारी करने के साथ ही आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील हो गई है। निर्वाचन के दौरान विभिन्न राजनैतिक दलों एवं उनके अभ्यर्थियों के द्वारा चुनाव प्रचार करने के लिए शासकीय, अशासकीय भवनों पर नारे लिखे जाते हैं, बैनर लगाये जाते हैं, पोस्टर चिपकाये जाते हैं तथा विद्युत एवं टेलीफोन के खंभों पर चुनाव प्रचार से संबंधित झंडियां लगाई जाती है, जिसके कारण शासकीय संपत्ति का स्वरूप विकृत हो जाता है। छत्तीसगढ़ संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 की धारा 03 में निहित प्रावधानुसार कोई भी व्यक्ति जो संपत्ति के स्वामी की लिखित अनुज्ञा के बिना सार्वजनिक दृष्टि में आने वाली किसी संपत्ति को स्याही, खंडिया, रंग या किसी अन्य पदार्थ से लिखकर या चिन्हित करके उसे विरूपित करेगा, वह 01 हजार रूपये तक जुर्माने से दण्डनीय होगा।
छत्तीसगढ़ संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 के प्रावधानों के तहत कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री विनीत नन्दनवार ने यह आदेश जारी किया है कि चुनाव प्रचार के दौरान यदि विभिन्न राजनैतिक दलों अथवा चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों द्वारा किसी शासकीय एवं अशासकीय भवन की दिवालों पर किसी भी प्रकार के नारे लिखकर विकृत किया जाता है, तो ऐसे कृत्यों के निवारण के लिए तत्काल प्रभाव से कोण्टा क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा नगरीय निकाय कोण्टा, लोक निर्माण विभाग तथा राजस्व विभाग एवं पुलिस विभाग के अधिकारी/ कर्मचारियों को सम्मिलित कर एक टीम का गठन किया जावे।
टीम सघन भ्रमण कर विरूपित संपत्ति का,े संपत्ति विरूपण करने वाले के व्यय पर पूर्व स्वरूप में लायेगी तथा टीम द्वारा सम्पत्ति विरूपण करने वाले तत्वों के विरूद्ध अधिनियम के प्रावधानों के अन्तर्गत एफ.आई.आर. दर्ज कर कार्यवाही की जावेगी। थाना प्रभारी द्वारा संपत्ति विरुपण से संबंधित प्राप्त शिकायतों पर तत्काल एफ.आई.आर दर्ज विवेचना प्रारंभ की जायेगी। संबंधित टीम शिकायत या प्राप्त संपत्ति विरुपण के प्रकरणों को एक पंजी में पंजीबद्ध करेंगे तथा विरूपित संपत्ति की फोटोग्राफी, विडियोग्राफी करायेगी।
यदि किसी राजनैतिक दल या चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी द्वारा किसी निजी संपत्ति को बिना उसके स्वामी के लिखित सहमति के विरूपित किया जाता है तो निजी संपत्ति के स्वामी द्वारा संबंधित थाने में सूचना दर्ज कराने के बाद गठित टीम निजी संपत्ति को विरूपित होने से बचाने की कार्यवाही करेगा एवं संबंधित थाना प्रभारी प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार पर विधिवत जांच कर सक्षम न्यायालय में आरोप पत्र प्रस्तुत करेंगे। इसी प्रकार किसी धार्मिक स्थल का उपयोग चुनाव प्रचार-प्रसार के लिए नहीं किया जायेगा।