कोरबा, नवंबर 2021/ आज जिले के दूरस्थ वनांचल गांव गढ़-उपरोड़ा में कृषि चौपाल का आयोजन किया गया। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने कृषि चौपाल में पहुंचकर किसानों से बातचीत की और उनकी समस्याओं और सुझावों को विस्तार से सुना। कृषि चौपाल में ग्राम पंचायत गढ़-उपरोड़ा सहित आसपास गांवो के लोग भी बड़ी संख्या में शामिल हुए। किसानों को कृषि चौपाल में कृषि की उन्नत तकनीकों और विभागीय मार्गदर्शन की जानकारी दी गई। वनांचल में खेती को बढ़ावा देने के लिए चयनित किसानों को सरसों, अलसी आदि बीजों के मिनी किट का भी वितरण किया गया। कृषि चौपाल में पशुपालन के लिए पशुपालकों को प्रोत्साहन देने के लिए पुरस्कृत भी किया गया। मछली पालन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए मोंगरी योजना अंतर्गत जरूरी सहायता भी मछली पालक किसानों को दिया गया। कलेक्टर श्रीमती साहू ने कृषि चौपाल में गढ़-उपरोड़ा सहित आसपास गांव के ग्रामीणों को बकरी पालन व्यवसाय से जोड़ने के लिए जरूरी सहायता और मार्गदर्शन प्रदान करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। चौपाल में शामिल हुए कई ग्रामीणों ने राशन कार्ड और पेंशन से संबंधित समस्याओं के बारे में कलेक्टर श्रीमती साहू को अवगत कराया। कलेक्टर ने इस पर संज्ञान लेते हुए कैम्प लगाकर अपात्र लोगों के राशन कार्ड बनाने और पेंशन प्रकरण तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
कृषि चौपाल में उपस्थित विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा के किसानों को कलेक्टर श्रीमती साहू ने शासन की जनहितकारी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लेने की सलाह दी। उन्होंने इस दौरान कृषि विभाग के अधिकारियों को क्षेत्र में रबी फसलों के लिए किसानों को तैयार करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने क्षेत्र में सिंचाई के साधनों की बढ़ोत्तरी के लिए अधिकारियों को कार्य योजना बनाने को कहा। कलेक्टर ने कहा कि राज्य सरकार खेती किसानी और किसानों के लिए कई योजनाएं चला रही हैं। उपज का अच्छा दाम दिलाने के साथ-साथ दो फसली रकबे में वृद्धि के लिए भी प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने किसानों में इस रबी मौसम सरसों, अलसी, उड़द फसलों की खेती की भी सलाह दी। कलेक्टर ने किसानों के क्लस्टर बनाकर सामूहिक खेती के लिए कार्य योजना बनाने को अधिकारियों को कहा।
कृषि चौपाल के दौरान कृषि विभाग के अधिकारियों ने क्षेत्र के किसानों को आगामी रबी मौसम में ली जाने वाली फसलों की खेती के बारे में उन्नत तकनीकों की जानकारी दी। रबी मौसम में कम पानी में अधिक उत्पादन लेने के तरीके और तकनीकों के बारे में अधिकारियों ने किसानों को बताया। इसके साथ ही किसानों को सब्जी की खेती, पशुपालन, मछली पालन से भी आमदनी कमाने के तरीकों के बारे में बताया गया।