छत्तीसगढ़

अभिभावको को समझाइश व सहमति से प्रशासन द्वारा रोका गया बाल विवाह

जांजगीर-चांपा, नवम्बर, 2021/ महिला एवं बाल विकास विभागऔर पुलिस विभाग के संयुक्त प्रयास से आज एक नाबालिग कन्या का विवाह होने से रोका गया। बाल विवाह संबंधी सूचना प्राप्त होते ही कलेक्टर श्री जितेन्द्र कुमार शुक्ला के निर्देशानुसार श्री राजेंद्र कश्यप जिला कार्यक्रम अधिकारी के मार्गदर्शन में जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री गजेन्द्र सिंह जायसवाल द्वारा टीम तैयार कर पुलिस विभाग से समन्वय करते हुए ग्राम नैला सिवनी में बालिका के घर जाकर बालिका के उम्र सत्यापन हेतु बालिका का अंकसूची की मांग की जाने पर बालिका का अंकसूची प्रदान नही किया गया और उम्र छुपायी जाने की स्थिति टीम द्वारा बालिका के विद्यालय जाकर बालिका का दाखिल खारिज प्राप्त किया गया। बालिका की उम्र 17 वर्ष 09 माह होना पाया गया। बालिका का विवाह आज 29 नवम्बर को निर्धारित था। बारात पहुंच गयी थी। जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास एवं चाइल्ड लाइन के कर्मचारियों द्वारा बालिका के तथा बालिका के माता-पिता एवं तथा स्थानीय लोगों को बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत कराया गया एवं समझाईस के पश्चात सरपंच एवं स्थानीय लोगों की उपस्थिति में बालिका के माता-पिता की सहमति से बालिका का विवाह रोका गया।      दल में जिला बाल संरक्षण इकाई से श्री शिवनंदन सिंह मरकाम आउटरीच वर्कर तथा परियोजना जांजगीर से श्रीमती प्रीति सिंह, चाइल्ड लाईन से श्री नरेंद्र कुमार चंद्रा प्रभारी समन्वयक सुश्री प्रभा गढेवाल काउंसलर तथा पुलिस विभाग सहायक उप निरीक्षक श्री बरेठ  शामिल थे।      ज्ञात हो कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत विवाह के लिए लड़की की उम्र 18 वर्ष तथा लड़के की उम्र 21 वर्ष निर्धारित है। निर्धारित उम्र से कम होने की स्थिति में बाल विवाह करने पर पुलिस विभाग द्वारा अपराध पंजीबद्ध करते हुए विवाह करने वाले माता-पिता, विवाह में सम्मिलित होने वाले रिश्तेदार, विवाह कराने वाले पंडित के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी। अधिनियम के तहत 02 वर्ष के कठोर सश्रम कारावास तथा 01 लाख के जुर्माने अथवा दोनों से दंडित किया जाने का प्रावधान है।

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