छत्तीसगढ़

बरपाली गौठान बना आर्थिक गतिविधियों का केंद्र

बिलासपुर / दिसम्बर 2021/छत्तीसगढ़ शासन की मंशानुरूप सुराजी योजना के तहत निर्मित गौठानों को मल्टीएक्टिविटी सेंटर बनाकर गांव की महिला स्व सहायता समूहों को रोजगारमूलक आर्थिक गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है। आजीविका के साधन से उनमें आत्मविश्वास जागा है और आर्थिक रूप से दूसरों पर निर्भरता खत्म हो रही है। इस योजना ने महिलाओं के जीवन में आर्थिक सम्पन्नता का नया भर दिया है। ग्राम पंचायत धौरामुड़ा के आदर्श गौठान बरपाली की महिलाएं विकास की नयी इबारत लिख रही है।
इस गौठान में ग्राम धौरामुड़ा की कुल 5 समूहों की 51 महिलाएं आर्थिक गतिविधियों से जुड़ी है। इस गौठान में आर्थिक गतिविधियों के साथ-साथ सृजनात्मक कार्य हो रहे है। बरपाली गौठान में मां लक्ष्मी स्व सहायता समूह एवं मां सरस्वती स्व सहायता समूह द्वारा वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट खाद का निर्माण किया जा रहा है। वर्मी खाद से इन्हें 71 हजार 342 एवं सुपर कम्पोस्ट खाद 17 हजार 551 रूपए की आमदनी हुई है। मां लक्ष्मी स्व सहायता समूह द्वारा मुर्गी पालन एवं दो तालाबों में मछली पालन किया जा रहा है। मुर्गी पालन से इन्हें 60 हजार रूपए प्राप्त हुए है।
बाड़ी विकास –
अन्नपूर्णा स्व सहायता समूह द्वारा 4 एकड़ में बाड़ी का कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में उन्होंने टमाटर, बैंगन, आलू, लाल भाजी, मूली एवं फूल गोभी लगाई है जिससे उन्हें 5 से 7 हजार रूपए की मासिक आमदनी हो रही है। गौठान के चारागाह में अन्नपूर्णा समूह द्वारा 2 एकड़ में अमरूद का बगीचा एवं पशु विकास विभाग की सहायता से 1 एकड़ में नेपियर घास लगाया गया है।
सजावटी सामग्री निर्माण से बढ़ गई आमदनी –
ग्राम धौरामुड़ा के बुढ़ीमाई स्व सहायता समूह द्वारा बांस से सजावटी सामग्री, खिलौने, ट्री गार्ड नाइट लैंप , छोटी कुर्सियां आदि बनाई जा रही है। इससे उन्हें लगभग 15 से 20 हजार रूपए की मासिक आमदनी हो रही है। समूह ने वर्तमान में आदिवासी महोत्सव एवं जिले में आयोजित राज्योत्सव में अपनी सामग्रियों का स्टाॅल लगाया था, जहां उन्होंने 50 हजार रूपए की सामग्रियों का विक्रय किया।
बत्तख पालन –
वैष्णवी स्व सहायता समूह द्वारा बरपाली गौठान में बत्तख पालन किया जा रहा है। जिससे उन्हें 36 हजार रूपए की आमदनी हुई है। स्व सहायता समूहों के द्वारा आए सृजन को देखते हुए ग्राम की अन्य युवतियां भी प्रेरित हो रही है। युवतियों द्वारा ग्रामीण कन्या स्व सहायता समूह बनाकर मुर्गी पालन किया जा रहा है। इसके पहले उन्होंने मशरूम उत्पादन किया।
इस गौठान में अभी तक कुल 15 ट्रेक्टर पैरादान भी ग्रामीणों द्वारा किया गया है। धौरामुड़ा की महिलाएं माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को धन्यवाद देते हुए कहती है कि इस योजना से उनका जीवन ही बदल गया है। कभी दूसरों पर हमें आश्रित रहना पड़ता था, लेकिन अब हम परिवार चलाने की महत्वपूर्ण कड़ी बन गई है। इससे न केवल समाज में बल्कि गांव में भी हमारा सम्मान बढ़ा है।

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