छत्तीसगढ़

टोकन कटाने अब नहीं लगेगा उत्पादकता प्रमाण पत्र, प्रशासन ने ख़त्म की पुरानी व्यवस्था


कलेक्टर श्रीमती साहू ने किसानो की सहूलियत के लिए राजस्व अधिकारियों को जारी किए निर्देश
कोरबा/ जिला प्रशासन ने समर्थन मूल्य पर सहकारी समितियों में धान बेचने के लिए किसानों को बड़ी सहूलियत देते हुए उत्पादकता प्रमाण पत्र की व्यवस्था को खत्म कर दिया है। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने इस संबंध में जरूरी निर्देश सभी राजस्व अधिकारियों को दे दिए हैं। अब किसानों को धान खरीदी के लिए टोकन कटाने से पहले पटवारी के द्वारा जारी उत्पादकता प्रमाण पत्र की बाध्यता नहीं रहेगी। अब किसान समितियों में सीधे जाकर अपने धान के बोयें गए रकबे की जानकारी देकर धान बेचने के लिए टोकन कटा सकेंगे।

कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने बताया कि पिछले वर्ष धान खरीदी के दौरान जिले में किसानों से उत्पादकता प्रमाण पत्र के आधार पर धान खरीदी की व्यवस्था की गई थी। इस वर्ष ज़िले के किसानों को सहूलियत देते हुए आसानी से धान बेचने के लिए अब जिले में यह व्यवस्था खत्म कर दी गई है। अब किसानों से गिरदावरी के दौरान दर्ज धान के रकबे के हिसाब से प्रति एकड़ अधिकतम 15 क्विंटल की दर से धान समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा। उन्होंने बताया कि धान खरीदी शुरू होने के पहले ही जिले के राजस्व अधिकारियों, पटवारियों, तहसीलदारों ने धान फसल का गिरदावरी के दौरान सत्यापन कर लिया है। सभी किसानो के खेतों में बोये गए धान के रकबे की जानकारी इस दौरान इकट्ठी कर रिक़ार्ड की गई है। अब गिरदावरी रिकॉर्ड में दर्ज रकबे के हिसाब से धान की खरीदी होगी। कलेक्टर ने सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों, तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों और पटवारियों को धान खरीदी के लिए संबंधित अधिकारियों को सभी सहयोग करने के लिए भी निर्देश दिए हैं।

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