रायगढ़, दिसम्बर2021/ छ.ग.शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा एवं बाड़ी पर आधारित तीन दिवसीय किसान संगोष्ठी एवं कृषि प्रदर्शनी मेला 13 से 15 दिसम्बर 2021 को ग्राम बालमगोड़ा में आयोजित हुआ। यह आयोजन इंदिरा गॉधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति डॉ.एस. एस.सेंगर के विशेष पहल एवं मार्गदर्शन में आयोजित किया गया। यह आयोजन इंदिरा गॉधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर, कृषि विज्ञान केन्द्र रायगढ़, कृषि विभाग छ.ग. शासन एवं ग्राम पंचायत बालमगोड़ा रायगढ़ के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया। इस आयोजन के तृतीय एवं अंतिम दिवस पर इंदिरा गांधी कृषि विष्वविद्यालय रायपुर के प्रमुख मृदा वैज्ञानिक डॉ.के.के.साहू के नेतृत्व में सुबह ग्राम बालमगोड़ा के भूमि एवं जल संसाधन का सर्वेक्षण किया गया गॉव के गोविन्द नाला में जल संग्रहण एवं संरक्षण हेतु कार्ययोजना तथा नाले के किनारे एवं आस-पास पड़त भूमि में सघन वृक्षारोपण एवं भूमि कटाव को रोकने हेतु समुचित तकनीकी के बारे में कृषि विज्ञान केन्द्र, रायगढ़ के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख इंजी.श्री आर. के. स्वर्णकार, (मृदा एवं जल संरक्षण ) वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री पी.एल.पटेल, सर्वेक्षण कार्यालय रायगढ़ के भू-सर्वेयर श्री सुरेन्द्र मिरी सरपंच श्री रमेश कुमार चौहान, उप-सरपंच श्री कन्हैया लाल पटेल एवं अन्य स्थानीय कृषकों की सर्व सहमति से योजना तैयार किया गया। इस योजना के क्रियान्वन हेतु भूमि एवं जल संरक्षण अधिकारी सैधांतिक स्वीकृति दी गई। यह भी निर्णय लिया गया कि यथाशीघ्र चेक डेम एवं स्टाफ डेम निर्माण हेतु कृषि विभाग को विस्तृत प्रस्ताव भेजा जायेगा जिसमें स्थानीय कृषकों ने जन भागीदारी देने के लिए सहमति व्यक्त की।
किसान संगोष्ठी में कृषि महाविद्यालय रायपुर से पधारे प्रमुख वैज्ञानिक एवं तीन दिवसीय राज्य स्तरीय किसान संगोष्ठी के समन्वयक डॉ.के.के. साहू, द्वारा जैविक खेती, प्राकृतिक खेती भू-जल संर्वधन पर विषेष तकनीकी जानकारी दी गई तथा कृषि वानिकी एवं कृषि में किये जा रहे नवाचार के विभिन्न पहलुओं एवं तरीकों का विस्तृत चर्चा की गई साथ ही उन्होंने जिले के कृषकों को अपने आस-पास उपलब्ध फसलों एवं वृक्षो में विलक्षण गुणों को पहचान कर पेटेंट कराने हेतु प्रेरित किया गया। कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, रायगढ़ के अधिष्ठाता डॉ.ए.के.सिंह द्वारा पौध रोग व मसाला वर्गीय फसलों पर जानकारी दी गई। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख इंजी. श्री आर.के.स्वर्णकार द्वारा मृदा व जल संरक्षण के वैज्ञानिक तकनीकों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। साथ ही इंजी.स्वर्णकार ने कृषि विज्ञान केन्द्र की भूमिका एवं क्रियाकलापों की विस्तृत जानकारी दी। केन्द्र के गृह विज्ञान विषेषज्ञ डॉ.(श्रीमती) मनीषा चौधरी द्वारा पोषण वाटिका, एक दिन की मेरी थाली एवं पोषण थाली पर प्रकाश डाला गया।
कृषि विज्ञान केन्द्र के मृदा वैज्ञानिक एवं कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ.के.डी.महंत ने मृदा स्वास्थ्य एवं कृषि में किये जा रहे नवाचार को बढ़ावा देते हुए एवं आये दुगुनी करने हेतु समन्वित कृषि प्रणाली पर विस्तृत चर्चा की गई। डॉ.एन.सी.बंजारा एवं डॉ. सरिता अग्रवाल द्वारा उद्यानिकी फसलों की वैज्ञानिक खेती पर विस्तार से चर्चा की। कृषि विभाग के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी के श्री पी.एल. पटेल एवं ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी श्री दाताराम नायक ने विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। इस मेला में कृषि की उन्नत तकनीकों की प्रदर्शनी भी लगाई गई थी। इस संगोष्ठी में कृषि रत्न डॉ. खूबचंद बघेल पुरूस्कार से सम्मानित कृषक श्री मुकेश चौधरी भी उपस्थित थे। इस तीन दिवसीय किसान संगोष्ठी में उपस्थित कृषकों को फलदार वृक्ष एवं कृषि तकनीकी साहित्य का वितरण किया गया। डॉ.के. के.साहू, इंजी. आर. के. स्वर्णकार, डॉ.के.डी.महंत, सरपंच, उप-सरपंच गांव के प्राथमिक शाला एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालय के छात्र-छात्राओं को भूमि के महत्व एवं पर्यावरण संरक्षण हेतु तकनीकी जानकारी प्रदान की गई एवं स्कूल परिसर में फलदार वृक्षारोपण एवं पोषण वाटिका हेतु सुझाव दिये गये। इस किसान संगोष्ठी में विभिन्न जिले से पहुंचे किसान बंधु, किसान संगवारी एवं इनपुट डीलर उपस्थित रहे तथा ग्राम पंचायत के समस्त पदाधिकारियों एवं कृषक बंधुओं ने कृषि वैज्ञानिकों को इस आयोजन के लिए आभार प्रस्तुत किया।
