अम्बिकापुर 1 जनवरी 2022/ नए साल के पहले ही दिन प्रदेश के स्कूलों में दो नवाचार कार्यक्रम का शुभारंभ शनिवार को स्वास्थ्य मंत्री श्री टीएस सिंहदेव व स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम ने यहां अम्बिकापुर स्थित शासकीय बहुउद्देशीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय से किया। कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत 15 वर्ष के किशोर से लेकर 29 वर्ष तक के शाला त्यागी युवाओं को 6 माह का कौशल विकास का प्रशिक्षण चयनित स्कूलों में स्कूल समय के बाद तथा अवकाश के दिनों में दी जाएगी। दूसरे नवाचार के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों से लेकर कक्षा 8वीं तक के बच्चां में पठन एवं गणितीय दक्षता बढ़ाने के लिए 100 दिन का विशेष अभियान सभी आंगनबाडी केंद्रों और स्कूलों में चलाया जाएगा। शुभारम्भ कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा विभाग के राज्य कार्यालय के अधिकारी तथा सभी जिले के जिला शिक्षा अधिकारी और बच्चे ऑनलाइन जुड़े थे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्वास्थ्य मंत्री श्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि नववर्ष में सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए दो नवाचारी पहल शुरू की है जिसमें चयनित स्कूलों में शाला त्यागी किशोर एवं युवाओं को कौशल प्रशिक्षण मिलेगा तथा कक्षा 8वीं तक के बच्चों को गणितीय कौशल विकास में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि भविष्य का बुनियाद और आधार को मदद करने के लिए यह कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। इससे हुनर को बनाए रखने और क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलेगी। आज की परिस्थिति में शासकीय नौकरी के अवसर सीमित है ऐसे में रोजगारपरक शिक्षा की महत्ता बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण बच्चों को मनोवैज्ञानिक दबाव का सामना करना पड़ा है उनकी क्षमता प्रभावित हुई है। बच्चों की पढ़ाई चालू रखने के लिए गंभीरता से चिंतन करने की आवश्यकता है। कोरोना की संभावित तीसरी लहर से कोरोना के प्रकरण दिखाई देंगे हालांकि बच्चों पर कोरोना संक्रमण का प्रभाव कम रहा है।
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ टेकाम ने इस अवसर पर कहा कि राज्य में प्रथम बार विद्यालय स्तर पर समग्र शिक्षा अंतर्गत व्यावसायिक शिक्षा पर आधारित कौशल केन्द्र की पहल की जा रही है। इसके अंतर्गत राज्य के कुल 86 विद्यालयों का चयन भारत शासन के द्वारा किया गया है। प्रथम चरण में प्रदेश के 17 जिलों के 18 विद्यालयों का चयन किया गया है। उन्होंने कहा कि इस कौशल केन्द्र के माध्यम से 15 से 29 आयु वर्ग के शाया त्यागी विद्यार्थियों को उपलब्ध व्यवसायिक कोर्स पर कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि उनका क्षमता का विकास हो सके और वे भविष्य में इन सीखे हुए कौशल का उपयोग जीविकोपार्जन या अन्य शैक्षणिक गतिविधियों में कर सकें। उन्होंने कहा कि जो बच्चे इस प्रशिक्षण में शामिल होंगे उन्हें कौशल विकास के साथ-साथ स्वरोजगार एवं रोजगार के अवसरों को प्राप्त करने के लिए रास्ते खुलेंगे। साथ ही नई शिक्षा नीति 2020 के आधार पर राज्य के सभी शालाओं में व्यावसायिक शिक्षा उपलब्ध कराने का जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है उसको प्राप्त करने में सहायक सिद्ध होगा। मंत्री श्री टेकाम ने बच्चों के दक्षता बढ़ाने के अभियान के बारे में कहा कि कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन के दौरान स्कूलों के बंद होने से सबसे ज्यादा प्रभावित स्कूली बच्चे हुए। लॉकडाउन के कारण बच्चों के सीखने की क्षमता में हुई कमी की भरपाई करने एवं बच्चों के सीखने को पटरी में लाने हेतु राज्य व्यापी 100 दिनों को पठन एवं गणितीय कौशल विकास कार्यक्रम का भी आज शुभारंभ किया गया है। 100 दिवसीय कार्यक्रम कुल 14 सप्ताहों में विभाजित है प्रत्येक सप्ताह के लिए भाषा एवं गणित अलग-अलग थीम साझा किए जाएगें कक्षा के भीतर एवं बाहर भी समुदाय के सहयोग से उस सप्ताह के लिए निर्धारित सामग्री को उसी सप्ताह पूरा कराएं एवं सभी का उस पर पर्याप्त अभ्यास करवाते हुए समझ विकसित करवाएं। उन्होंने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने की दिशा में कोई भी कमी नहीं आने देंगे और पूरी मेहनत के साथ अपने उपयुक्त नवाचारों के माध्यम से बच्चों की उपलब्धि में निखार लाएंगे।
मंत्री ने सुनाई कहानी- स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ टेकाम ने इस अवसर पर बच्चों को एक ग्रामीण विद्यार्थी की कहानी सुनाई। उन्होंने कहा कि चैतु नाम का विद्यार्थी एक दिन अचानक स्कूल से घर आने के बाद बहुत अच्छे से हाथ पैर धोकर और साफ कपड़े पहन कर पढ़ाई कर रहा था। उसके इस व्यवहार पर आश्चर्य प्रकट करते हुए उसकी मां ने बदलाव का कारण पूछी तो चैतु ने बताया कि स्कूल में शिक्षकों ने साफ-सुथरा रहने से बीमार नहीं पड़ने तथा पढ़ाई में मन लगने की बात कही। इसीलिए मैं भी अच्छे से हाथ पैर धोकर पढ़ाई कर रहा हूं जिससे पढ़ने में मन लग रहा है। चैतु की मां को बच्चे की समझदारी वाली बात भा गई और वह भी साफ-सफाई पर ध्यान देने लगी।
स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव डॉ कमलप्रीत सिंह ने विडियों क्रांफ्रेंस के जरिये जुड़कर दोनों नवाचार कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर सभी संभाग मुख्यालय से शाला त्यागी युवाओं ने कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू होने से उन्हें मिलने वाले लाभ के बारे में अपने विचार साझा किए।
इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य श्री राकेश गुप्ता सहित स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी एवं बड़ी संख्या में स्कूली विद्यार्थी उपस्थित थे।