दुर्ग /जनवरी 2022/किसी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अमूमन सप्ताह में एक या दो सीजेरियन आपरेशन होते हैं लेकिन यदि किसी सीएचसी में एक साथ छह सीजेरियन हों और वो भी तीन इमरजेंसी तो हर कोई डाक्टर्स और मेडिकल स्टाफ को सेल्यूट करना चाहेगा। पाटन स्थिति सीएचसी में आज छह सीजेरियन किये गये। तीन मामले तो इमरजेंसी थे, डेट निकल गई थी और बच्चा फंस गया था। बेहद जटिल इन आपरेशन को सफलतापूर्वक पूरा किया गया। बीएमओ डाॅ. आशीष शर्मा ने बताया कि हमने तीन हाई रिस्क इलेक्टिव आपरेशन पहले ही प्लान किये हुए थे। अचानक ही तीन और केस आ गये। हमारा मेडिकल स्टाफ आश्वस्त था कि वो यह कार्य सफलतापूर्वक संपन्न करेगा। सात घंटे की कड़ी मेहनत हुई और सभी ने स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया। इमरजेंसी में अपनी पत्नी को लेकर अस्पताल पहुंचे पति ने बताया कि इसके पहले सीजेरियन डिलीवरी हुई थी और इस कारण स्वाभाविक था कि यह डिलीवरी भी सीजेरियन ही होगी लेकिन समय का क्लियर नहीं हो पा रहा था। अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हुई और सीएचसी लाये। यहां डाक्टर्स आपरेशन ही कर रहे थे। हमें बीएमओ सर ने आश्वस्त किया कि किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी, हमारे यहाँ सीजेरियन के लिए पूरी तरह से मेडिकल स्टाफ और उपकरण उपलब्ध हैं। किसी तरह की चिंता नहीं, हम आश्वस्त हुए। बीएमओ डाॅ. आशीष शर्मा ने बताया कि हमारे मेडिकल स्टाफ के लिए यह बड़ा दिन है। एक साथ छह डिलीवरी शायद ही किसी सीएचसी में अब तक हुई होगी, हमारे मेडिकल स्टाफ ने कड़ी मेहनत कर स्थानीय स्तर पर लोगों के बीच ऐसी छवि बनाई है कि यहां स्वास्थ्य का इंतजाम अच्छा है और डाक्टर्स खूब मेहनत करते हैं। इसका प्रतिफल है कि लोग भरोसा कर आते हैं और अपने भरोसे पर खरा उतरते हैं। उन्होंने बताया कि कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के मार्गदर्शन में पाटन स्थित स्वास्थ्य केंद्र में हर सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है। ब्लड स्टोरेज यूनिट की वजह से काफी समस्या हल हो गई है। संकल्पित डाक्टर्स और मेडिकल स्टाफ की टीम यहां काम कर रही है जिसकी वजह से यह सफलता मिल पा रही है।
बीएमओ ने बताया कि सुरक्षित प्रसव कराने लगातार 7 घंटे सर्जन डॉ कृष्णा डहरिया एवं उनकी ओटी टीम श्रीमती एस के दुबे, अनिता जोशी, रूपा सिन्हा, हेमलता, मनीष चंद्राकर, प्रदीप सिन्हा आरएमए एवं अन्य चिकित्सा अधिकारी, पैरामेडिकल स्टाफ, एमरजेंसी में सेवाएं देने लैब टेक्नीशियन सरस्वती वर्मा, सत्यम श्रीवास, श्वेता भारद्वाज, आपातकालीन दवाएं प्रबंधन हेतु श्री देशमुख, पोषण यादव, ओटी अटेंडेंट श्री जितेंद श्री गिरिवर, वार्ड बॉय श्री भरत आदि के टीम वर्क से सफल हुआ।