उत्तर बस्तर कांकेर 18 जनवरी 2022ः-शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना से जिले के पशुपालक गोबर बेचकर धनार्जन कर रहे हैं, वहीं महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं को वर्मी खाद निर्माण और विक्रय से रोजगार भी मिल रहा है, साथ ही गौठान मेंं साग-सब्जी की खेती भी की जा रही है, जो उनकी अतिरिक्त आमदनी का जरिया बन गया है। विकासखण्ड चारामा के ग्राम गौठान कसावाही के महिला स्व-सहायता समूह द्वारा गोबर से वर्मी कम्पोस्ट खाद तैयार कर विक्रय किया जा रहा है। ग्राम पंचायत कसावाही गौठान के गौरी स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती बिन्दा बाई ने बताया कि गौठान में गोधन न्याय योजना के तहत् गोबर की खरीदी किया जा रहा है, जिसे महिला स्व-सहायता समूह द्वारा गोबर से वर्मी कम्पोस्ट खाद तैयार किया जा रहा है। वर्मी खाद तैयार किये जाने हेतु मनरेगा से 10 वर्मी टांका का निर्माण किया गया है।
स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान योजनांतर्गत ग्राम पंचायत कसावाही में गौरी स्व-सहायता समूह का गठन किया गया, इसमें कुल 10 सदस्य शामिल हैं। इस समूह को आजीविका से आयवर्धक गतिविधि करने हेतु वित्तीय सहायता बिहान योजना के द्वारा प्रदाय किया गया है, जिससे उनके आय में वृद्धि हो सके। बिहान योजना के तहत् गौरी स्व-सहायता समूह गठन के तीन महीने बाद रिवालिंग फंड के रूप में 15 हजार रूपये राशि दिया गया। समूह के मध्य आपसी लेन-देन व समय पर ऋण वापसी होने के कारण समूह में ब्याज राशि प्राप्त होने के कारण समूह में बचत राशि बढ़ने लगी। इसके पश्चात समूह के सभी सदस्यों के द्वारा निर्णय लिया गया कि सामूहिक रूप से आजीविका गतिविधि किया जाये, इसके लिए पूंजी के रूप में राशि प्राप्त करने के लिए वहां की एफएलसीआरपी के द्वारा बैंक लिंकेज हेतु आवेदन फार्म भरा गया और बैंक के द्वारा समूह को 1 लाख 50 हजार रूपये का ऋण समूह को दिया गया। उन्होंने बताया कि गौठान अंतर्गत 3 एकड़ में चारागाह बनाया गया है, जिसमें लगभग डेढ़ एकड़ जमीन में टमाटर लगाया गया है, जिसके विक्रय से अब तक 02 लाख रूपये की आमदनी हो चुकी है। चारा उत्पादन के लिए गौठान में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत चारामा एवं पशुपालन विभाग के मार्गदर्शन में लगभग 01 एकड़ में नेपीयर घास लगाया गया है। मछली पालन के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनांतर्गत गौठान में 2 एकड़ 40 डिसीमल में तीन तालाब का निर्माण कराया गया है, जिसमें 25 किलोग्राम मछली बीज डाला गया है और इससे लगभग 04 लाख रूपये की आय प्राप्त होने की संभावना है। वर्तमान में गौठान में बांस से बने बकरी शेड में प्रारंभिक तौर पर 30 नग बकरी पालन किया जा रहा है। गौठान में बकरी पालन, मुर्गी पालन, बतख पालन, सुकर पालन, मशरूम उत्पादन हेतु महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से शेड निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है।