बलौदाबाजार, 20 जनवरी 2022/कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने कार्यभार ग्रहण करने बाद राज्य सरकार की फ्लैगशीप योजनाओं का मैदानी हालात जानने के लिए ग्रामीण इलाकों का दौरा शुरू कर दिये हैं। इस क्रम में उन्होंने आज बलौदाबाजार अनुविभाग के आधा दर्जन ग्रामों-अमेरा, खरतोरा, मुण्डा, कोलिहा, परसाभदेर (मि) कोकड़ी आदि का सघन दौरा किया। उन्होंने प्रमुख रूप से किसानों से धान खरीदी, कोविड टीकाकरण एवं पंचायत उप चुनाव के लिए चल रही वोटिंग प्रक्रिया का निरीक्षण किया। कलेक्टर ने किसानों और कुछ अन्य हितग्राहियों से मुलाकात चर्चा कर उनसे योजनाओं के संबंध में अनुभव साझा किये। एसडीएम बलौदाबाजार सुश्री प्रतिष्ठा ममगाई एवं डीपीएम अनुपमा तिवारी भी इस अवसर पर साथ थीं।
कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने अमेरा के धान खरीदी केन्द्र का अचानक निरीक्षण किया। किसानों से धान की खरीदी चल रही थी। खरीदे गये धान की गुणवत्ता एवं संग्रहित स्टेक का बारीकी से अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों में फिर से बारिश की संभावना जताई जा रही हैं। इसलिए समिति प्रबंधन बे-मौसम बारिश से बचाव के लिए पुख्ता प्रबंध रखें। खरीदे गये धान का नुकसान नहीं होने चाहिए। उन्होंने धान बेचने आये कुछ किसानों से चर्चा कर उनके अनुभव भी सुने। उन्होंने कहा कि पंजीकृत सभी किसानों से धान खरीदी की जायेगी। खरीदी के लिए बचे दिनों का हिसाब लगाकर निर्धारित संख्या में टोकर इश्यू करने को कहा है। कलेक्टर ने धान बेच चुके किसानों का रकबा समर्पण भी अपडेट करने के निर्देश दिए ताकि बचे रकबे का गलत इस्तेमाल न हो सके।
कलेक्टर ने लवन तहसील के कोलिहा एवं मुण्डा में कोविड टीकाकरण कार्य का जायजा लिया। दोनों जगहों पर पंचायत भवन में टीकाकरण चल रही थी। कोलिहा में 20 लोगों को टीका लग चुके थे और कई लोग कतार में थे। बताया गया कि कोलिहा में टीकाकरण का लक्ष्य 1278 हैं। इनमें 1222 को प्रथम डोज एवं 453 को दूसरी डोज लग चुका है। कलेक्टर ने उपस्थित ग्रामीणों से चर्चा कर टीका नहीं लगाने का कारण पूछा। कलेक्टर ने समझाइश दी कि कोराना से बचने का एकमात्र उपाय टीकाकरण ही है। लाखों लोगों को टीका लग चुके हैं। किसी को कुछ नहीं हुआ। इसलिए निश्चिंत होकर सभी लोग टीका लगवाएं। और कोरोना के हमले से अपने को और अपने परिवार को सुरक्षित रखें। टीका लगे रहेगा तो कोरोना प्राणघातक नहीं होगा। सामान्य दवाईयों से ठीक हो सकता है। कलेक्टर ने एक टीकाकरण दल को एक दिन में दो अथवा तीन सत्र लगाने के निर्देश दिए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों के गांव घर पहुंचकर टीका लगाया जा सके।