जगदलपुर, जनवरी 2022/ जगदलपुर शहरवासियों द्वारा उपयोग किए जा रहे घरेलू उपयोग के पानी से अब इंद्रावती नदी प्रदुषित नहीं होगी। शहरवासियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले इस पानी की सफाई के लिए शहर से लगे बालीकोंटा में लगभग 58 करोड़ रुपए की लागत से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तैयार किया जा चुका है, जिसका लोकार्पण शीघ्र ही मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा किया जाएगा। शुक्रवार को कलेक्टर श्री रजत बंसल ने इस ट्रीटमेंट प्लांट के शुभारंभ के लिए की जा रही तैयारियों का जायजा भी लिया। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री रोहित व्यास भी उनके साथ मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि संभागीय मुख्यालय जगदलपुर के नागरिकों द्वारा उपयोग किए गए लगभग 18 लाख लीटर पानी की निकासी प्रतिदिन होती है। और यह उपयोग की गई पानी दलपत सागर और इंद्रावती नदी में जाकर मिल जाती थी। इस पानी में मौजूद बैक्टिरिया, टर्बिडिटी और बढ़े हुए पीएच मान के कारण यह पानी दलपत सागर और इंद्रावती नदी के पानी को प्रदुषित कर देती थी।
दलपत सागर के 3 नाले, महादेव घाट में 1 नाला, केन्द्र बन्दीगृह के पीछे 2 नाले, पावर हाऊस में 1 नाला, इंटेक वैल के पास 1 नाला और लक्ष्मी नारायण मंदिर राजा कब्रगृह के पास 2 नालों से यह पानी इंद्रावती नदी और दलपत सागर के पानी में मिल जाती थी। इन 10 नालों को एस साथ जोड़कर आर.सी.सी. पाइप द्वारा बालीकोंटा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में मेन पम्पींग स्टेशन में लाया जायेगा। मेन पम्पींग स्टेशन से पंप द्वारा प्रायमरी ट्रीटमेंट यूनिट में इस प्रदुषित पानी को फिल्टर हेतु ले जाया जायेगा तथा सिक्वेंसिंग बैच रिएक्टर के चार बेसिन में चार भागों में इसका विभाजन होगा। यह कार्य कुल 180 मिनट की प्रक्रिया में होगी। 180 मिनट में 90 मिनट एयर ब्लोवर के माध्मय से वायु मिश्रण किया जायेगा। 30 मिनट सेटलमेंट के लिए रोका जायेगा तथा 60 मिनट के लिए मड सेटल होगा तथा 60 मिनट डिसेंटर मशीन के माध्यम से शुद्ध पानी को क्लोरीन टैंक में ले जाया जायेगा। क्लोरीन टैंक में क्लोरीन गैस मिलाकर कीटाणुओं को खत्म करने के बाद शुद्ध पानी को इन्द्रावती नदी में छोड़ दिया जायेगा एवं शुद्ध पानी छोड़ने के बाद बचा हुआ द्रव कीचड़ पाईप लाइन द्वारा अपकेंद्रित्र मशीन में लाया जायेगा। अपकेंद्रित्र मशीन द्रव कीचड़ को ठोस कर देगा जिसका उपयोग कृषि एवं अन्य कार्यों में किया जा सकेगा।
शहर के इस गंदे पानी के शुद्धिकरण के लिए लगभग 10 किलोमीटर लंबे पाईपलाइन के माध्यम से इसे बालीकोंटा पहुंचाया जा रहा है, जहां निर्मित प्लांट में तीन चरणों में इस पानी के शुद्धिकरण के बाद इसे इंद्रावती नदी में छोड़ा जाएगा।
अमृत योजना के तहत निर्मित इस सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से प्रतिदिन 25 लाख लीटर पानी को साफ किया जा सकता है। शुद्धिकरण के बाद इस पानी को वापस इंद्रावती नदी में छोड़ने पर नदी के जलस्तर में आ रही कमी की समस्या से भी निजात मिलेगी।