सुकमा, 04 फरवरी 2022/ छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य सुकमा जिले के बच्चों को जाति प्रमाण पत्र के अभाव में शासन की किसी भी योजना से वंचित न हों, इसलिए सुकमा जिला प्रशासन द्वारा जाति प्रमाण पत्र की घर पहुंच सेवा लगभग तीन साल पहले शुरु की गई और अब तक 29 हजार से अधिक बच्चों को जाति प्रमाण पत्र दिया जा चुका है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने जाति प्रमाण पत्र के अभाव में होने वाली परेशानी को देखते हुए जाति और निवास प्रमाण पत्रों की घर-पहुंच सेवा प्रारंभ करने की घोषणा के फलस्वरुप आज स्कूली बच्चों को घर बैठे ही जाति प्रमाण पत्र मिल रहा है।
अब तक 29 हजार से अधिक जाति प्रमाण पत्र जारी
प्रशासन द्वारा जाति प्रमाण पत्रों के अभाव में बच्चों को होने वाली परेशानी के साथ ही इसे बनाने के लिए छात्रों की मशक्कत को देखते हुए घर-पहुंच जाति प्रमाण पत्र देने की योजना वर्ष 2019 प्रारंभ की गई और पहले चरण में शैक्षणिक सत्र 2019 के मध्य तक लगभग आठ हजार जाति प्रमाण पत्र बनाने के साथ ही छठवीं से बारहवीं तक अध्ययनरत सभी अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को जाति प्रमाण पत्र देने का लक्ष्य हासिल कर लिया गया। इसके बाद पांचवीं कक्षा में अध्ययनरत विद्यार्थियों को जाति प्रमाण पत्र देने का नया लक्ष्य निर्धारित कर मार्च 2020 से कार्य प्रारंभ किया गया, ताकि छठवीं कक्षा में प्रवेश के साथ इन्हें आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ तत्काल मिल सके। इसी प्रकार कक्षा दूसरी और आगे की कक्षाओं के छात्रों को भी जाति प्रमाण पत्र वितरण का फैसला लिया गया। सुकमा जिला प्रशासन द्वारा इस अभियान की शुरुआत से अब तक कक्षा दूसरी से बारहवीं तक के 29 हजार 722 अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के बच्चों का जाति प्रमाण पत्र बनाया जा चुका है। जिसमें सुकमा विकासखण्ड के 5341, विकासखण्ड छिन्दगढ़ से 12 हजार 886 छात्र और कोण्टा विकासखण्ड के 11 हजार 495 विद्यार्थियों को उनके घर पर ही जाति प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है। प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया निरंतर रुप से प्रगतिशील है ताकि जिले के सभी छात्रों को विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने में परेशानी ना हो।
कक्षा दूसरी में प्रवेश करते ही बनाए जा रहे जाति प्रमाण पत्र
इस योजना का लाभ उन विद्यार्थियों और पालकों को खासतौर पर मिला है, जो दुर्गम क्षेत्रों में रहते हैं और जिन्हें जाति प्रमाण पत्र के लिए आवागमन के सीमित संसाधनों के बीच दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे। जाति प्रमाण पत्र बनाने के कार्य ऑनलाईन एन्ट्री के माध्यम से किया जा रहा है। सुकमा जिला प्रशासन द्वारा की गई खास पहल के कारण विद्यार्थियों को और उनके पालकों को दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाना पड़ा, बल्कि शिक्षा विभाग और राजस्व विभाग के मैदानी अमलों ने जाति प्रमाण पत्र के लिए जरूरी दस्तावेजों का संकलन किया और इन दस्तावेजों के साथ ऑनलाईन माध्यम से जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किए गए। तहसीलदार और अनुविभागीय दण्डाधिकारियों द्वारा इन आवेदनों पर कार्यवाही करते हुए जाति प्रमाण पत्र जारी किए गए, जिन्हें पुनः अध्यापकों के माध्यम से बच्चों को वितरित किया जा रहा है।